चौबीस घंटे की पुलिस हिरासत खत्म होने पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने चारों अभियुक्तों को सोमवार दोपहर कोर्ट में पेश किया और रिमांड याचिका सौंप कर दस दिन का रिमांड मंजूर करने की मांग की। लोकअभियोजक ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि अभियुक्तों से बड़े पैमाने पर जाली नोट बरामद हुए है। तह तक जांच जरूरी है। अभियुक्तों ने अब तक कितने जाली नोट बाजार में भुनाए, उनके अलावा इस षडय़ंत्र में और कौन-कौन शामिल हैं, जाली नोट छापने के लिए जो सामग्री उपयोग में ली जाती थी, वह कहां से खरीदा जाती थी, इसकी जांच की जानी है। अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला है कि उनमें से कोई तकनीक का जानकार नहीं है। उन्हें यह तकनीक किसने बताई आदि की जांच के लिए अभिुयक्तों की पुलिस हिरासत जरूरी है। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने चारों का तीन दिन का रिमांड मंजूर करते हुए 28 नवम्बर शाम चार बजे तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने जाली नोट तैयार कर उन्हें बाजार में भुनाने के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश कर खेड़ा जिले के स्वामीनारायण मंदिर आश्रम के साधु राधारमण स्वामी, कामरेज आनंद वाटिका सोसायटी निवासी प्रवीण चोपड़ा, उसके पुत्र कालू, अंकलेश्वर कृष्णापार्क सोसायटी निवासी मोहन वाघुरडे तथा कोसमाड़ा सहजानंद विला सोसायटी निवासी प्रतीक चोडवडिया को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से दो हजार रुपए के ५0१३ यानी एक करोड़ २६ हजार जाली नोट, नोट तैयार करने की सामग्री कंप्यूटर, स्केनर, प्रिंटर आदि जब्त किए गए थे।