-नाम-पता तक नहीं पूछ पाए घटना के संबंध में डॉ. राजेश प्रजापति से पूछने पर उन्होंने बताया कि आंखों के सामने अचानक हुई घटना से बुजुर्ग महिला को तत्काल ही सीपीआर उपचार मिल गया अन्यथा मुश्किल हो सकती थी। यह सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि उनके बारे में किसी तरह की औपचारिक पूछताछ भी नहीं कर पाए, बस इस बात की खुशी है कि 10-12 मिनट के प्रयासों से उनकी धड़कन लौट आई। उसके बाद उन्हें एंबुलेंस से तलाळा के अस्पताल ले जाया गया, जहां से वे ठीक होकर घर लौट गई।
-कोई भी सीख सकता है सीपीआर पद्धति कार्डियो पल्मोनेरी रेस्क्युसन पद्धति के बारे में डॉ. प्रफुल्ल शिरोया ने बताया कि हार्ट अटैक की वजह से मनुष्य के शरीर में हृदय व मस्तिष्क को खून के बंद हुए प्रवाह को बनाए रखने के लिए सीपीआर पद्धति मेडिकल इमरजेंसी के समान है। अडाजण के रेडक्रॉस ब्लड बैंक में इसके बारे में लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि अचानक आई आपदा के समय वे किसी व्यक्ति का सीपीआर पद्धति से जीवन बचा सकें। ऐसे ही प्रशिक्षण अन्य मेडिकल एसोसिएशन भी लोगों को देते हैं।
-अटल संवेदना कोविड सेंटर में दी बेहतर सेवा अलथाण में अटल संवेदना कोविड सेंटर कोरोना मरीजों के लिए शुरू किया गया था और उसमें डॉ. राजेश प्रजापति ने लगातार सेवा दी थी। इसके अलावा वे यूनिक, महावीर, मैत्रेय, निर्मल आदि होस्पीटल में भी चिकित्सकीय सेवा देते हैं। विधायक हर्ष संघवी ने बताया कि डॉ. राजेश प्रजापति सेवाभावी है। उन्होंने अटल संवेदना कोविड सेंटर में बेहतर सेवा दी थी, उनके प्रयास सदैव ही लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए रहते हैं।