अरबों रुपए के फर्जीवाड़े की जांच के लिए बैंकों तक पहुंचे सरकारी बाबु
सूरत सूरत सहित दक्षिण गुजरात में सरकार को करोड़ो रुपए की चपत लगाने वाले घोटाले बाजों के साथ किन लोगों के तार जुड़े हैं। इसकी जांच में एजंसियां अब उनके बैंक खातों की भी जांच करेगी। बीते एक साल में डायरेक्ट्ऱेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इन्टेलिजन्स यूनिट, स्टेट जीएसटी और सेन्ट्रल जीएसटीने सूरत में पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक के बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस घोटाले में माल की खरीद-बिक्री किए बिना सिर्फ फर्जी बिल खरीद कर खरीदार सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट हासिल कर लेता है। इसके अवेज में बिल बेचने वाले को एक या दो प्रतिशत कमिशन मिलता है।
आतंकियों की मदद करने वाला डीएसपी पर गिरी गाज, पुलिस ने किया बर्खास्त अभी तक सामने आए ज्यादातर मामलों में बिल बेचने वालों ने दूसरों के आधारकार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि लेकर उनके नाम पर कंपनी रजिस्टर्ड की है और उसी के नाम पर करोड़ो रुपए का बिल बेचा और दूसरे को इनपुट टैक्स क्रेडिट दिलाया है। जिन लोगों से पहचान पत्र लिया है उन्हें प्रतिमास 10 हजार रुपए दे दिया जाता है। ऐसे मामलों में मुख्य भेजेबाज जल्दी सामने नहीं आते।
इसलिए विभाग ने अब बंैंक अकाउन्ट को सहारा बनाया है। जिन लोगों ने बिल बेचे उनके अकाउन्ट में पेमेन्ट आने के बाद किस किस अकाउन्ट में ट्रांसफर किया गया। उसकी जांच की जा रही है। हालाकि विभाग के लिए यह टेढी खीर है, लेकिन विभाग ने ऐसे कई बैंक नामांकित किए हैं, जिन पर उन्हें शक है।
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