आतंकियों की मदद करने वाला डीएसपी पर गिरी गाज, पुलिस ने किया बर्खास्त अभी तक सामने आए ज्यादातर मामलों में बिल बेचने वालों ने दूसरों के आधारकार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि लेकर उनके नाम पर कंपनी रजिस्टर्ड की है और उसी के नाम पर करोड़ो रुपए का बिल बेचा और दूसरे को इनपुट टैक्स क्रेडिट दिलाया है। जिन लोगों से पहचान पत्र लिया है उन्हें प्रतिमास 10 हजार रुपए दे दिया जाता है। ऐसे मामलों में मुख्य भेजेबाज जल्दी सामने नहीं आते।
इसलिए विभाग ने अब बंैंक अकाउन्ट को सहारा बनाया है। जिन लोगों ने बिल बेचे उनके अकाउन्ट में पेमेन्ट आने के बाद किस किस अकाउन्ट में ट्रांसफर किया गया। उसकी जांच की जा रही है। हालाकि विभाग के लिए यह टेढी खीर है, लेकिन विभाग ने ऐसे कई बैंक नामांकित किए हैं, जिन पर उन्हें शक है।