देश के स्मार्ट सिटी क्लब में शामिल सूरत का स्थानीय प्रशासन इन दिनों शहर में स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम डवलप करने की कवायद में जुटा है। इसके तहत सिटी बस और बीआरटीएस के रूट्स में वृद्धि के साथ ही इनके रूट्स को एक्सटेंड कर आगे के स्टेशनों को कनेक्ट किया जा रहा है। एक बार मेट्रो ट्रेन शुरू होने के बाद मनपा का ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम इंटीग्रेट हो जाएगा। जिसके बाद शहर में सार्वजनिक परिवहन की बेस लाइन बन चुके ऑटो रिक्शा महज कनेक्टिंग सर्विस बनकर रह जाएंगे।
फिर तैयार की डीपीआर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मनपा प्रशासन एक बार पहले भी डीपीआर तैयार कर चुका था। केंद्र के नीति नियमों में बदलाव करने के बाद इसे दोबारा तैयार किया गया। इस बार मनपा प्रशासन ने मेट्रो की फाइनेंशियल फिजिबिलिटी के उपाय किए, जिसमें मेट्रो सरचार्ज से लेकर मेट्रो रूट पर पेड एफएसआई समेत अन्य उपाय किए गए। प्रोजेक्ट की कार्यदायी संस्था दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने मेट्रो की डीपीआर मेगा को सौंप दी थी। राज्य सरकार ने केबिनेट में चर्चा कर प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के पास भेज दिया है। अब सूरतीयों को केंद्र की हरी झंडी का इंतजार है।
समझा था ट्रैफिक पैटर्न मेट्रो ट्रेन शुरू कर शहर में तीन टियर सार्वजनिक परिवहन सेवा को अमल में लाने के लिए मनपा प्रशासन ने शहर के विभिन्न रूट्स पर और अलग-अलग जगहों पर ट्रैफिक पैटर्न सर्वे कराया था। सीईपीटी ने इसके लिए घर-घर जाकर जानकारियां जुटाईं। सीईपीटी की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, मेट्रो शुरू होने के बाद शहर के व्यस्ततम रास्तों से ट्रैफिक का दबाव कम होगा। सर्वे रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि शहर में मेट्रो शुरू होती है तो पहले ही दिन ढाई लाख का ट्रैफिक मिलेगा। वर्ष 2035 तक यह आंकड़ा बढ़कर 15 लाख पार कर जाएगा। मेट्रो शुरू होने के बाद ऑटो रिक्शा कनेक्टिंग रूट्स पर ही चलेंगे।