इसलिए रहेगा पर्व ग्रहण से बेअसर
ज्योतिषी घनश्याम भारद्वाज ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 4 जुलाई को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से प्रारम्भ होगी और अगले दिन 5 जुलाई सुबह 10 बजकर 13 मिनट पर पूर्ण होगी। वहीं, रविवार रात 11 बजकर 15 मिनट से मध्यरात्रि बाद 2 बजकर 33 मिनट तक माध्य चंद्रग्रहण रहेगा अर्थात चंद्रमा धुंधला होता दिखाई देगा। यह ज्योतिष मत में ग्रहण के रूप में नहीं गिना जाता और इसका सूतक भी नहीं लगता, इसलिए इसका गुरु पूर्णिमा पर्व पर कोई असर नहीं रहेगा।
होगी बाबा भोलेनाथ की आराधना
गुरु पूर्णिमा के बाद छह जुलाई सोमवार से पवित्र श्रावण मास की शुरुआत हो जाएगी और शहर समेत दक्षिण गुजरात में बाबा भोलेनाथ की आराधना का दौर शुरू हो जाएगा। हालांकि अन्य त्योहार-उत्सव के समान कोविड-19 का ग्रहण श्रावण मास पर लगेगा और श्रद्धालुओं को शिवभक्ति कोविड-19 की गाइडलाइन के दायरे में रहकर ही करनी पड़ेगी। श्रावण मास की अमावस्या के बाद गुजराती-मराठी पंचांग मुताबिक स्थानीय श्रद्धालु भी शिवभक्ति में शामिल हो जाएंगे।