सूरत

आम का राजा, मिठास की वजह से विदेश में भी प्रसिद्ध

गर्मी में लजीज आम भला किसे नहीं लुभाते। मीठे-रसीले आमों को फलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता है। वैसे तो हमारे देश में आम की अनेक वैराइटी हैं पर एक किस्म ऐसी है जिसे आमों का राजा कहा जाता है।

सूरतJun 20, 2021 / 04:56 pm

deepak deewan

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वापी. गर्मी में लजीज आम भला किसे नहीं लुभाते। मीठे-रसीले आमों को फलों का राजा यूं ही नहीं कहा जाता है। वैसे तो हमारे देश में आम की अनेक वैराइटी हैं पर एक किस्म ऐसी है जिसे आमों का राजा कहा जाता है। हम बात कर रहे हैं वलसाड के हापुस आम की।
जिले में आम के वाड़ी मालिकों के अनुसार वलसाड का हापुस आम अन्य सभी हापुस से बढक़र है। जिले के जागरूक किसान व पूर्व भाजपा जिला प्रमुख नगीन पटेल के अनुसार वलसाडी हापुस की बात ही अलग है। यहां का आम अपनी मिठास के कारण देश विदेश में प्रख्यात है। यही कारण है कि इनके के लिए चार साल से जीआई टैग का प्रयास चल रहा है।
उनके अनुसार जीआई टैग मिलने पर किसानों को आम की बिक्री में कई गुना फायदा होगा। जिले में हापुस आम के आज भी 60 से 70 साल पुराने पेड़ मौजूद हैं। प्रति पेड़ करीब 70 मन आम का उत्पादन प्राप्त होता है। वलसाड जिले में करीब दो सौ करोड़ का आम उत्पादन होता है। जिसमें 80 प्रतिशत हिस्सा हापुस का होता है।
आम के बड़े व्यापारी धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि आम के सीजन में वलसाडी हापुस की बहुत मांग रहती है। यहां के आम में भरपूर रस रहता है और इसमें उतनी ही मिठास भी है। यही कारण है कि अन्य वेरायटियों की तुलना में इसे तरजीह देते हैं। इसे आम का राजा कहना गलत नहीं होगा।
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