यहां घूमने आए नवसारी के फारुक मेमण ने बताया कि बच्चों के साथ यहां घू्मने आए थे, लेकिन बगीचे में न तो बैठने की व्यवस्था है और न बच्चों के लिए खेल के साधन हैं। शौचालयों पर ताले लटके हैं और पानी की व्यवस्था भी नहीं है। परिवार के साथ आने वालों को बहुत परेशानी होती है।
आवश्यक सुविधाओं का अभाव
वन चेतना केन्द्र की दूसरी ओर सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं, लेकिन उन पर ताले लटके हैं और शौचालय के बाहर पानी भी नहीं आता। इससे महिलाओं और बच्चों को बहुत परेशानी हो रही है। करीब 14 वर्ष पूर्व 2004 में मोरारी बापू की कथा के दौरान वन चेतना केन्द्र मे खेल के साधन लगाए गए थे। जो आज जर्जर हो चुके हैं। वन विभाग में अनुदान एवं स्टाफ कमी की समस्या से इसका रखरखाव ठीक से नहीं हो पाता। यहां बनाई सीढ़ी भी समुद्री लहरों के कारण टूट गई है।
वन चेतना केन्द्र में लगाए खेल के साधन समुद्र की क्षारीय हवाओं के कारण जंग लगने से जर्जर हो गए हैं। सभी साधनों की मरम्मत के लिए कलक्टर से दरखास्त की गई है और नए साधनों का प्रोजेक्ट भी रखा गया है। करीब सात लाख रुपए का अनुदान मिलने पर सुविधाएं दुरुस्त होंगी।
डीआर भगत, रेंज फोरेस्टर, चिखली