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किडनी, कॉर्डियेक और न्यूरोलॉजी सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल की हाईटेक बिल्डिंग तैयार

locationसूरतPublished: Oct 29, 2020 10:45:56 pm

Submitted by:

Sanjeev Kumar Singh

– मरीजों की संख्या कम होने से अब कोरोना के लिए तैयार अस्पताल की आवश्यकता नहीं…
– न्यू सिविल अस्पताल में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत 135 करोड़ की लागत
 

किडनी, कॉर्डियेक और न्यूरोलॉजी सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल की हाईटेक बिल्डिंग तैयार

किडनी, कॉर्डियेक और न्यूरोलॉजी सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल की हाईटेक बिल्डिंग तैयार

संजीव सिंह/सूरत.

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत न्यू सिविल अस्पताल कैम्पस में निर्मित सुपर स्पेश्यलिटी अस्पताल की हाईटेक बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। कोरोना महामारी में मरीजों की संख्या बढऩे पर राज्य सरकार ने जल्दबाजी में कोरोना मरीजों के लिए 800 बेड की सुविधा करने के निर्देश दिए थे। अब चूंकि कोरोना मरीजों की संख्या नियंत्रण में है। इसलिए अब इस हॉस्पिटल की कोरोना मरीजों के लिए जरूरत नहीं है। सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल की लागत करीब 135 करोड़ रुपए आई है। इसे शुरू करने के लिए अब राज्य सरकार के अगले आदेश का इंतजार है।

इसलिए जरूरी

दक्षिण गुजरात के सबसे बड़े सरकारी न्यू सिविल अस्पताल में शहर के अलावा दूसरे जिले भरुच, नवसारी, वलसाड, डांग, तापी तथा महाराष्ट्र के निकटवर्ती क्षेत्र नवापुर, नंदूरबार से मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन यहां अब तक किडनी, कॉर्डियेक और न्यूरोलॉजी के लिए कोई सुविधा नहीं है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत न्यू सिविल अस्पताल कैम्पस में चार-पांच वर्ष पहले सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल की नींव रखी गई थी। मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग और पोस्टमार्टम रूम के सामने 8.50 लाख स्क्वायर फीट में किडनी, हृदय और न्यूरो यूनिट शुरू करने के लिए सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल अब बनकर तैयार हो गया है।

प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन लाइन

बिल्डिंग में मरीजों के लिए 809 बेड की सुविधा है। इसमें 111 बेड आइसीयू वार्ड में है। प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन लाइन दी गई है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 20 हजार किलो लीटर का टैंक इंस्टॉल किया जाना है। ग्राउंड फ्लोर पर एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई यूनिट के लिए स्पेस दिया गया है।
वेटिंग एरिया में 200 लोगों की व्यवस्था

मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों को ठहरने के लिए वेटिंग एरिया प्रत्येक मंजिल पर तैयार किया गया है। एक स्थान पर कम से कम 150 से 200 परिजनों को बैठने के लिए स्पेस खाली रखा गया है। खुले आसमान के नीचे भी कुछ एरिया खाली रखा है।
किडनी, कॉर्डियेक और न्यूरोलॉजी सुपर स्पेश्यिलिटी अस्पताल की हाईटेक बिल्डिंग तैयार
ये तमाम सुविधाएं

प्रोजेक्ट मैनेजर और कॉर्डिनेटर कमल पारेख ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल की बिल्डिंग आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां दो बेसमेंट पार्किंग है। वहीं ग्राउंड प्लस आठ मंजिला बिल्डिंग में मरीजों के लिए हर प्रकार की सुविधा दी गई है।
– बिल्डिंग में 111 आईसीयू बेड और 698 बेड का नॉर्मल वार्ड बनाया गया है।

– ग्राउंड फ्लोर पर दो आईसीयू वार्ड, डायलिसिस सेंटर, इमरजेंसी केयर और ओपीडी का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है।
– मरीजों, डॉक्टर व स्टाफ के लिए आठ लिफ्ट लगाई गई है।

– 7.50 लाख लीटर का अंडरग्राउंड पानी का स्टोरेज टैंक है।

– मेडिकल गैस पाइप लाइन का कंट्रोल रूम भी अलग से बनाया है।
– इसके पास में ही 750 केवी के दो डीजल सेट जनरेटर हैं।

– टोरेंट पावर ने 1500 केवी का सब स्टेशन स्थापित किया है।

– पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल पर भी आइसीयू बेड और ऑपरेशन थियेटर हैं।
– पांच से आठ मंजिल पर मरीजों को भर्ती करने के लिए ऑन एयर वार्ड तैयार किए हैं।

– भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखकर बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।

विशाल छत पर वॉटर हार्वेस्टिंग
बिल्डिंग में वॉटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था की गई है। करीब 80 हजार स्क्वायर फीट की छत है, जहां से बारिश का पानी जमीन में उतरेगा।

कोरोना को ध्यान रखने से खर्च दोगुना
सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल के निर्माण में 60 से 65 करोड़ का खर्च आया है। वहीं कोरोना के दौरान बिल्डिंग में महामारी को ध्यान में रखकर 65 से 70 करोड़ दूसरे खर्च किए गए हैं। बिल्डिंग की कुल लागत 125 से 135 करोड़ बताई गई है। मरीजों के इलाज में आधुनिक उपकरण व साधनों के लिए अतिरिक्त खर्च करना शेष है।
हाईटेक : ईएलवी सिस्टम से लैस

सुपर स्पेश्यिालिटी अस्पताल में एडवांस ईएलवी सिस्टम लगाया है। बिल्डिंग में 24,000 मीटर का केबल इंस्टॉल किया गया है। भर्ती मरीज अपने परिजनों से कंट्रोल रूम से बातचीत कर सकता है। इसे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री डेसबोर्ड से भी जोड़ा जा सकता है। क्रिटिकल ऑपरेशन को मेडिकल छात्र कैम्पस में दूसरे जगह से देख सकते हैं। एक्सपर्ट डॉक्टरों की सलाह लेकर गंभीर ऑपरेशन पूरा किया जा सकता है। डॉक्टर या स्टाफ को बुलाने के लिए सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं। प्रत्येक मंजिल पर संगीत बजाया जा सकता है। टेलीफोनिक सिस्टम, सीसीटीवी, एक्सेस कंट्रोल सिस्टम, फायर अलार्म, केबल टेलीविजन आदि को जोड़ा गया है। यह प्रणाली इमारत में कई प्रक्रियाओं और वस्तुओं की निगरानी और नियंत्रण के लिए प्रौद्योगिकियों का संग्रह है।
कार्य पूरा, आदेश का इंतजार

कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे पर राज्य सरकार ने सुपर स्पेश्यिालिटी बिल्डिंग को कोरोना मरीजों के लिए तैयार करने के निर्देश दिए थे। बिल्डिंग का कार्य पूरा हो गया है। लेकिन अब कोरोना मरीजों के लिए इसकी आवश्यकता नहीं है। यह अस्पताल किडनी, कार्डियेक और न्यूरोलॉजी यूनिट शुरू करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे कब से शुरू करना है इसके लिए सरकार के आदेश का इंतजार है।
– डॉ. रागिनी वर्मा, अधीक्षक, न्यू सिविल अस्पताल, सूरत।

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