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सूरत

जानें कैसे धरे गए धोखाधड़ी के आरोपी

34 लाख लेकर नकली सोना देने का मामला, तीन जने गिरफ्तार, मुख्य आरोपी की पुलिस को तलाश

सूरतDec 11, 2019 / 09:44 pm

विनीत शर्मा

जानें कैसे धरे गए धोखाधड़ी के आरोपी

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वापी. गत दिनों वापी निवासी कंपनी के मैनेजर को चार किलो नकली सोना देकर 34 लाख रुपए की ठगी कर फरार हुए तीन आरोपियों को भिलाड पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि मुख्य सूत्रधार अभी भी फरार है।
वापी के चला निवासी अविनाश मेहता की भेंट मुंबई कंपनी की मीटिंग में जाते समय भिलाड के एक होटल पर एक शख्स से हुई। उसने खाने के लिए कुछ रुपए मांगे, अविनाश ने उसे 50 रुपए दिए। बदले में उसने सोना का एक सिक्का देते हुए अपना नाम सूरज राठोड़ बताया और मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि वह उनके रुपए देकर सोने का सिक्का ले जाएगा। पहले इसे गंभीरता से न लेने वाले अविनाश ने जब घर लौटकर सिक्के की जांच करवाई तो वह असली सोने का निकला।
जब अविनाश ने उसके मोबाइल पर संपर्क कर उससे सोने के सिक्के बारे में पूछा तो उसने कहा कि चारोटी में पुराना मकान तोड़ते समय बहुत सिक्का मिला है, जो बेचना है। कुछ दिन बाद अविनाश उससे फिर मिला। इस बार उसने अविनाश को दस का सिक्का दिया। यह भी जांच में खरा सोना निकला। जिसके बाद अविनाश ने उससे सस्ते में सोने के सिक्के खरीदने की चर्चा चलाई। इस दौरान सूरज ने बताया कि वह भी रहने के लिए भिलाड आ गया है। अविनाश ने ब्राह्मण फलिया जाकर उसका घर भी देखा।
सौदा पक्का होने पर 25 अक्टूबर को अविनाश ने 34 लाख रुपए में तीन किलो सोना उससे खरीदा। जानकारी के अनुसार तीन किलो की जगह सूरज ने चार किलो सोना देते हुए कहा कि इसे कहीं भी जांच करवा लेना। रुपए देकर चार किलो सोना वापी लाने के बाद जब उसकी जांच करवाई तो वह नकली निकला। अविनाश ने इसके बाद सूरज के मोबाइल पर कॉल किया तो वह भी बंद आया। जब उसके घर गया तो वहां कोई नहीं मिला।
ठगी का पता चलने पर भिलाड थाने में सूरज राठौड़, उसकी माता मीराबेन, भाई लक्ष्मण और बहन तेजुबेन के खिलाफ उसने शिकायत दर्ज कराई। एलसीबी और स्थानीय पुलिस ने मंगलवार को इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 33 किलो नकली सोने की गिन्नी भी जब्त की है। मुख्य आरोपी सूरज अभी भी फरार है। बुधवार को तीनों को कोर्ट में पेश करने पर पांच दिन की रिमांड प्राप्त हुई है।
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