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सूरत

‘कोरोना का नया वैरिएंट नहीं आया तो तीसरी लहर की आशंका भी नहीं’

– वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले एसिम्प्टैमिटक मरीज, कम इम्यूनिटी वालों में संक्रमण फैलाने में सक्षम

सूरतSep 27, 2021 / 10:05 pm

Sanjeev Kumar Singh

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‘कोरोना का नया वैरिएंट नहीं आया तो तीसरी लहर की आशंका भी नहीं’,’कोरोना का नया वैरिएंट नहीं आया तो तीसरी लहर की आशंका भी नहीं’

सूरत.

शहर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद सितंबर के अंतिम सप्ताह में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढऩे से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। चिकित्सकों ने बताया कि हाल में ज्यादातर संक्रमित मरीज ऐसिम्प्टमैटिक बिना लक्षण वाले सामने आ रहे हैं। यह कम इम्युनिटी वाले लोगों को संक्रमण फैलाने में सक्षम होते हैं। उन्होंने बताया कि जब तक कोरोना वायरस का कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आता है, तब तक तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है।
शहर में गणपति उत्सव के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। एक ही सोसायटी या एक घर में दो जनों के संक्रमित होने के मामले भी ज्यादा सामने आ रहे है। मनपा स्वास्थ्य विभाग ने अडाजन क्षेत्र में एक सोसाइटी में पिछले कुछ दिनों में ही 9 पॉजिटिव मरीज मिलने से प्रशासन सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सोसायटी को सील कर लोगों के बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। न्यू सिविल अस्पताल में पीएसएम विभाग के डॉ. विपुल चौधरी ने बताया कि अभी डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन कोरोना से बचने के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और वैक्सीन लगवाना जरूरी है। हाल में जो मरीज सामने आ रहे हैं वे हलके लक्षण वाले हैं। इसमें ज्यादातर एसिम्प्टमैटिक मरीज शामिल हैं। यह कोरोना पॉजिटिव कम इम्युनिटी वाले लोगों को संक्रमित कर बीमार कर सकते हैं।
कोरोना अभी पूरी तरह से गया नहीं है। अभी भी कोरोना एसओपी गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य है। एसिम्प्टमैटिक मरीजों में बुखार, सर्दी-खांसी जैसे लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसके चलते टेस्ट से ही उनकी पहचान संभव है। उन्होंने बताया कि समय बीतने के साथ कोरोना वायरस माइल्ड हो गया है, जब तक इसमें नया म्यूटेशन सामने नहीं आता है, तब तक तीसरी लहर आने की संभावना नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि स्वाइन फ्लू एच1एन1 पहले गंभीर बीमारी हुआ करती थी, लेकिन समय के साथ वह एक नॉर्मल वायरस की तरह उनके मरीजों का इलाज किया जाता है।
संक्रमित गंभीर नहीं, होम क्वारन्टाइन में इलाज

कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और वैक्सिंग प्रमुख हथियार है। गौरतलब है कि शहर में वैक्सीन लेने वालों की संख्या 80 फीसदी से ज्यादा हो गई है। हाल में जो संक्रमित मरीज सामने आए हैं, वह गंभीर नहीं है और उनको होम क्वारन्टाइन में इलाज किया जा रहा है। इसके बावजूद मनपा स्वास्थ्य विभाग ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ा दी है। स्कूलों में भी कोरोना टेस्टिंग अभियान चलाया जा रहा है।
दोनों वैक्सीन लेने वालों मैं एंटीबॉडी घटी

शहर में कोरोना वैक्सीन टीकाकरण महाअभियान 16 जनवरी को शुरू किया गया था। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंटलाइन कोरोना वरियर्स को वैक्सीन दी गई थी। वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले जिनका 6 माह से अधिक का समय हो गया है, वे अब एंटीबॉडी टेस्ट करवा रहे हैं। न्यू सिविल अस्पताल में भी कई डॉक्टरों ने एंटीबॉडी टेस्ट करवाया है। इसमें ज्यादातर लोगों में एंटीबॉडी घटती हुई मिली है। वहीं, पहली और दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित हुए मरीज जो स्वस्थ हुए और उन्होंने दोनों वैक्सीन की डोज ली है उनमें एंटीबॉडी टेस्ट बेहतर देखने को मिला है।
जल्द आएगी वैक्सीन का थर्ड बूस्टर डोज!

चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले व्यक्तियों में एक निश्चित समय के बाद एंटीबॉडी घटने लगी है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों ने छह माह के बाद एंटीबॉडी लेवल घटते हुए मिला है। एंटीबॉडी को ज्यादा समय तक बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग आगामी दिनों में तीसरा बूस्टर डोज भी ला सकती है। उसके लिए सरकार की अलग से प्लानिंग होगी। हाल में दोनों डोज लेने वालों की संख्या 80 फिसदी से अधिक तथा पहली व दूसरी लहर में संक्रमित हुए लोगों में अच्छी एंटीबॉडी डेवलप होने से तीसरी लहर आने की आशंका न के बराबर है।

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