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सूरत

दानह औद्योगिक इकाइयों में अवैध कब्जों की होड़

कभी भी गिर सकती है इन पर गाज दानह योजना विकास प्राधिकरण देता रहा है नोटिस

सूरतNov 14, 2019 / 10:10 pm

Sunil Mishra

दानह औद्योगिक इकाइयों में अवैध कब्जों की होड़

दानह औद्योगिक इकाइयों में अवैध कब्जों की होड़

सिलवासा. उद्योगों में ओपन स्पेस में बांधकाम, निर्माण कार्य एवं गोदाम आदि हटाने के लिए तैयारी चल रही है।औद्योगिक इकाइयों में गैर कानूनी निर्माण को हटाने के लिए योजना व प्राधिकरण विभाग कभी भी कार्रवाई कर सकता है। पीडीए ने 50 उद्योगों द्वारा अवैध निर्माण एवं ओपन स्पेस में गैरकानूनी ढंग से किए गए कब्जे वाली जगह खाली कराने का आदेश जारी कर चुका है।
दानह योजना विकास प्राधिकरण अवैध निर्माण हटाने के लिए संबंधित उद्योगों को नोटिस देता रहा है, लेकिना इसका किसी ने उत्तर नहीं दिया है। उद्योगों में बिना परमिशन के ओपन स्पेश में चालें, मकान, शॉप्स व गोदाम बने हैं, इसके कारण आपात परिस्थितियों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उद्योगों में अवैध निर्माण व कब्जा करने में दादरा के उद्योगपतियों की संख्या सबसे अधिक हैं। कंपनी के ओपन स्पेस में निर्माण से आपात दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। विभाग ने फिलहाल 50 उद्योगों को शोकॉज नोटिस दिया है, लेकिन वास्तव में यह संख्या सैकड़ों में है। चार माह पूर्व उद्योगों में अवैध निर्माण हटाने के लिए मुंबई हाईकोर्ट ने स्थानीय प्रशासन से जबाव तलब किया था।
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दानह औद्योगिक इकाइयों में अवैध कब्जों की होड़
नक्शा में दिखाए निर्माण से अधिक कंस्ट्रक्शन कर लेते हैं उद्यमी
योजना व विकास प्राधिकरण, जिला उद्योग केन्द्र व वन विभाग से उद्योग स्थापना की परमिशन मिलने के बाद उद्यमी नक्शा में दिखाए निर्माण से अधिक कंस्ट्रक्शन कर लेते हैं। कई उद्योगपति कंपनी परिसर को टाट या कपड़े से चारों और ढंककर उसमें रॉ-मेटेरियल, तैयार माल का गोदाम बना लेते हंै। कंपनी पूरी तरह बंद होने से माल-सामान में लगी आग बुझाने के लिए फायरबिग्रेड की गाडिय़ां मौके तक नहीं पहुंच पाती। ऐसी परिस्थितियों में अग्निकांड जैसे हादसे में एक फैक्ट्री से लगी दूसरी फैक्ट्री भी चपेट में आ जाती है। ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं। औद्योगिक नियमों के मुताबिक कंपनी परिसर में टाट पट्टी के नीचे रखे जाने वाले रॉ-मेटेरियल और तैयार माल को रखने पर दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। पिपरिया, डोकमर्डी, मसाट, आमली , दादरा, रखोली, दपाड़ा सहित अधिकांश उद्योगों में अवैध बांधकाम देखा जा सकता है।
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शो-कॉज वाले उद्योग
सामरवरणी में श्रीकृष्णा गु्रप्स ऑफ कंपनीज की श्रीकृष्णा पॉलिस्टर लिमिटेड व श्रीकृष्णा के नीटवेयर टेक्नोलॉजी, दादरा में मोनोपॉली यार्न, वेनस गम्स, सूरत बेवेरेज, संदीप टेक्स्टराइज्र्स, टेक्स्पुन इंडस्ट्रीज, वालसेट प्लास्ट एक्स्ट्रशन, शुभलेन फेब्रिक्स, केशव यादव, ग्लोबल पेकर्स, टीम फेरो एलॉय, पॉलीजेल, संतोष स्टील, डायना क्राफ्ट, थर्मोप्लास्ट, श्री हरी टेक्सटाइल, एटलांटिक पॉलीमर्स, आइडल थर्मोप्लास्ट, 365 प्लास्टिम, सर्वोत्तम पॉलीमर्स, डेढ़ला प्लास्टिक, श्री सत्यप्रकाश मिश्रा प्रो निर्मल शॉपिंग सेंटर, नरोली में मनजीभाई भाग्याभाई, श्री प्लास्टोमेच, पायोनियर एब्रोडरी, मेन फूड्स, रूद्राक्ष माइन, मिलेनियम ग्रेनिटेज एंड मार्बल, एशिया पेसिफिक, रेडियंट मेटल्स, श्रुस्ती इंटरप्राइजेज, जे के कॉस्मेटिक, एवरप्लस प्लास्टिक्स, नोक्टा इटालियन मार्बल्स, नर्मदा क्रेटर्स, श्री सालासर मार्बल्स, प्रोमा इंडस्ट्रीज, के एम इंटरप्राइजेज, आदिनाथ इंटरप्राइजेज, खडोली में स्टेंडर्ड ग्रिसेस, रूदाना में हिन्दुस्तान कॉस्स्मेटिक व सनलैंड तथा खेरड़ी में क्राइफ्स पावर शामिल हैं।
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