वहीं कृत्रिम तालाबों पर लगाए गए सीसीटीवी और शहर में मार्गो पर कैमरों से कंट्रोल रूम के जरिए भी नजर रखी जा रही थी। वहीं ट्रैफिक पुलिसकर्मियों, होमगार्ड जवानों व टीआरबी जवानों ने विभिन्न मार्गो पर यातायात व्यवस्था संभाली। पुलिस ने विसर्जन यात्राओं के लिए कुत्रिम तालाबों के निकट 22 मार्गो पर रात से ही बैरिकेट लगा दिए थे।
भीड़ बढऩे पर किया रास्ता बंद :
सुबह भीड़ कम होने के कारण पुलिस ने रिंगरोड पर पुरानी सबजेल से स्थित कृत्रिम तालाब के पास फ्लाईओवर पुल के नीचे का रास्ता भी आम वाहनों के लिए खोल रखा था, लेकिन शाम को भीड़ बढऩे पर नीचे का रास्ता बंद कर दिया और वाहनों को पुल से गुजारा। इस तरह के व्यवस्थाओं में छोटे मोटे बदलाव अन्य कृत्रिम तालाबों और मुख्य मार्गो पर भी करने पड़े।
वाहन नहीं होने से आसानी :
इस बार चार फिट से कम उंचाई की मूर्तियां होने के कारण अधिकतर मंडल बिना वाहनों के पैदल, हाथ गाडिय़ों या डोलियों में श्रीजी की मूर्तियों को विसर्जन के लिए लेकर आए थे। जिसकी वजह रिंग रोड, राजमार्ग, अडाजण, डूमस रोड समेत अन्य मुख्य मार्गो पर पुलिस को यातायात व्यवस्था संभालने में अधिक परेशानी नहीं हुई।
—————–
कृत्रिम तालाबों पर दोपहर बाद तेजी :
गणेश मंडलों से सुबह जल्दी विसर्जन प्रक्रिया खत्म करने की अपील के बावजूद विसर्जन सुबह माहौल ठंडा ही रहा। सुबह सात बजे से दोपहर बारह बजे तक माहौल ठंडा ही रहा। पांच घंटों के दौरान विभिन्न 19 कृत्रिम तालाबों पर करीब छह हजार मूर्तियां ही पहुंची, लेकिन दोपहर बारह बजे के बाद गणेश भक्त बड़ी संख्या में विसर्जन के लिए निकले। शाम तीन बजे तक करीब ग्यारह हजार मूर्तियां विसर्जित हुई। यह सिलसिला शाम छह बजे तक जारी रहा। छह बजे तक और ग्यारह हजार मूर्तियों का विसर्जन हुआ। शाम छह बजे के बाद भी देरी से पहुंच रही मूर्तियों का भी विधिवत विसर्जन किया जा रहा था।
————–
..यूं चला विसर्जन का दौर :
सुबह 07:00-12:00 बजे तक – 6627 मूर्तियां
दोपहर 12:00-03:00 बजे तक – 11190 मूर्तियां
शाम 03:00-06:00 बजे तक -11306 मूर्तियां
—————————-
फूलों से सजी बप्पा की डोली :
सूरत. अडाजण -हजीरा रोड पर आरटीओ के पास फूलों से सजी बप्पा की डोली देखने को मिली। एलपी सवाणी क्षेत्र की एक सोसायटी के युवक युवतियां नौकानुमा डोली में श्रीजी को लेकर आए। डोली के आगे नाचते गाते बप्पा के जयकारे लगाते विसर्जन के लिए ले जा रहे थे।
—————————–