शहर में इन दिनों कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही बारिश भी दस्तक दे चुकी है। जून महीने में भले मानसून ने जोर नहीं पकड़ा हो, लेकिन जुलाई में शहर में भारी बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग ने भी इस बार सूरत समेत दक्षिण गुजरात में अच्छी बारिश के संकेत दिए हैं। कोरोना के कारण यूं भी प्री मानसून कामों पर मनपा का फोकस कमजोर रहा है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के बीच अच्छी बारिश शहर में दूसरी जलजनित बीमारियों के फैलने की वजह बन सकती है।
कोरोना से निपटने में लगी टीमों के साथ ही जलजनित बीमारियों के मरीजों के इलाज की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग को करनी होगी। साथ ही सीमित संसाधनों में इससे निपटने के उपाय करना भी चुनौती से कम नहीं है। आमतौर पर बारिश होते ही मनपा टीम शहरभर में जलजमाव का जायजा लेने के लिए निकलती रही है। इस बार पूरा फोकस कोरोना संक्रमण पर होने के कारण शहर में हो रहे जलजमाव का सर्वे और मच्छरों के ब्रीडिंग सेंटरों को नष्ट करना आसान नहीं दिख रहा। इसे देखते हुए मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणि ने स्वास्थ्य टीम को इस मोर्चे पर भी पाल बांधने की हिदायत दी है। आयुक्त ने स्वास्थ्य अधिकारियों को मास्टर प्लान बनाने की हिदायत दी है, जिस पर समय रहते अमल किया जा सके।
निजी चिकित्सकों पर रहेगा दारोमदार इस बार मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को संभालने का दारोमदार निजी चिकित्सकों पर आता दिख रहा है। आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण और खतरनाक होता है तो सिविल अस्पताल और स्मीमेर अस्पताल का पूरा फोकस उधर शिफ्ट हो जाएगा। बड़े निजी अस्पताल भी कोरोना कोविड मरीजों पर ही अधिक ध्यान देंगे। ऐसे में मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए निजी चिकित्सक बड़ी राहत दे सकते हैं।
हैल्थ सेंटरों पर मुस्तैदी मनपा प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को शहर के विभिन्न जोनों में बने हैल्थ सेंटरों पर ध्यान देने के लिए कहा है। सिविल और स्मीमेर अस्पताल के बोझ को कम करने के लिए मानसून के दौरान इन्हें पूरी तरह अपडेट रखना होगा। इससे मौसमी बीमारियों के मरीजों को इलाज में सहूलियत रहेगी।