कुछ दिनों पूर्व अंशु ने किशोर के छोटे भाई को मारा था, लेकिन बात आई गई हो गई थी। गुरुवार को सुबह वे क्रिकेट खेल रहे थे। उस दौरान गेंद झाडिय़ों में चली गई। गेंद ढूंढने के लिए अंशु व अन्य बच्चों के साथ किशोर भी झाडिय़ों में गया। उस दौरान अंशु ने पानी भरे गड्ढे में पत्थर फेंका। जिसके छींटे किशोर पर गिरे।
इस बात को लेकर झगड़ा हुआ और आरोपी किशोर ने वहां पड़ा लकड़ी का मोटा डंडा उठा लिया और अंशु के सिर पर वार कर दिया। गंभीर चोट लगने से अंशु वहीं ढेर हो गया। हत्या के बाद किशोर चुपचाप घर चला गया। दोपहर तक कुछ जानवरों ने शव पर मुंह भी मारा।
दोपहर ढाई बजे शव का पता चलने पर छानबीन शुरू की तो बच्चों का झगड़ा होने की बात सामने आई। बच्चों से पूछताछ में आरोपी किशोर पर संदेह हुआ। उससे अलग- अलग तरीकों से पूछताछ की गई तो उसने गुनाह कबूल कर लिया।
ये था घटनाक्रम :
गुरुवार को टेम्पो चालक श्रीलाल यादव के पुत्र अंशु का उसके घर से 50 मीटर दूर झाडिय़ों से शव बरामद हुआ था। अंशु सुबह नौ बजे नाश्ता करने के बाद ) खेलने के लिए गया था, लेकिन लौट कर नहीं आया।
माता-पिता पर लगाया आरोप, पुलिस ने नकारा :
न्यू सिविल अस्पताल में अंशु के मामा सुरेन्द्र यादव ने उसकी हत्या में उसके पिता और सौतेली माता का हाथ होने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि अंशु की असली माता की मौत हो चुकी है। तब से वह उत्तरप्रदेश में अपने नाना-नानी के साथ ही रह रहा था। इस बीच उसके पिता ने दूसरी शादी की थी। वह चार-पांच माह पूर्व ही अपनी पिता और सौतेली मां के साथ रहने आया था। हालांकि पांडेसरा पुलिस ने अंशु की हत्या में किसी तरह की साजिश से इनकार किया है।