कतारगाम लक्ष्मीकांत आश्रम रोड भुलाभाई देसाई पार्क सोसायटी निवासी दीपिका भरत धारिया (49) 25 जुलाई को घर पर अचानक श्वास लेने में तकलीफ हुई और बेहोश हो गई। परिजन उनको किरण अस्पताल लेकर पहुंचे। दीपिका का हृदय बंद हो गया था। चिकित्सकों ने सीपीआर देकर फिर से हृदय की गति को चालू कर लिया, लेकिन सीटी स्कैन रिपोर्ट में दिमाग में रक्त कम पहुंचने के कारण आंतरिक नुकसान पहुंचने की पुष्टि हुई। चिकित्सकों ने 29 जुलाई को दीपिका को ब्रेनडेड घोषित किया। सूचना मिलने पर डोनेट लाइफ के प्रमुख निलेश मांडलेवाला अस्पताल पहुंच गए और परिवार को अंगदान के बारे में समझाया। सहमति मिलने के बाद उन्होंने स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (एसओटीटीओ) के कन्विनर डॉ. प्रांजल मोदी से सम्पर्क किया।
इसके बाद अहमदाबाद इंस्टिट्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिसर्च सेंटर के डॉ. सुरेश कुमार की टीम ने लीवर का दान स्वीकार किया। जबकि चक्षुओं का दान लोकदृष्टि चक्षुबैंक के डॉ. प्रफुल शिरोया ने लिया। दान में मिली किडनी सूरत निवासी 50 वर्षीय व्यक्ति में ट्रांसप्लांट किया गया है। गौरतलब है कि दीपिका की दोनों किडनी फेल हो गई थी। वह पिछले दो साल से डायलिसिस पर जीवित थी। सप्ताह में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ता था। परिवार ने शरीर के अंग फेल होने के बाद की तकलीफ समझते हुए दीपिका के अंगदान करने का निर्णय ले कर जागरुकता फैलाई है।