बाल भिक्षावृत्ति पर रोक के लिए चलाया बचाव अभियान
दमण. दमण प्रशासन द्वारा बाल भिक्षावृत्ति के रोकथाम के लिए जॉइन्ट चाइल्ड बेगर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। समाज कल्याण विभाग के अनुसार इस माह चलाए गए अभियान के फलस्वरूप बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त संघ प्रदेश दमण एवं दीव के 45 बच्चों की पहचान की गई और सभी बच्चों की चिकित्सा जांच कराई गई। उनके माता-पिता या अभिभावकों से मांगे गए दस्तावेज के सत्यापन के उपरांत बाल कल्याण समिति दमण एवं दीव द्वारा इन बच्चों के माता-पिता को स्व-घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर लेकर उन्हें बच्चे सौंप दिए गए। उन्हें सख्त चेतावनी दी गई कि भविष्य में यदि बच्चों से भिक्षावृत्ति कराते पाए गए तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी एवं किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम, 2015 के अंतर्गत पांच साल तक का कारावास और एक लाख रुपए का आर्थिक दंड होगा। यह अभियान समाज कल्याण विभाग के सचिव संदीप कुमार सिंह एवं हेमंत कुमार के मार्गदर्शन में किया गया।
गौरतलब है कि दिसम्बर में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा संघ प्रदेश दमण के दौरे में भिक्षावृत्ति विशेषकर बाल भिक्षावृत्ति करने या कराने वाले व्यक्तियों और उनके माता-पिता की पहचान कर उन पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए गए थे।
दमण. दमण प्रशासन द्वारा बाल भिक्षावृत्ति के रोकथाम के लिए जॉइन्ट चाइल्ड बेगर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। समाज कल्याण विभाग के अनुसार इस माह चलाए गए अभियान के फलस्वरूप बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त संघ प्रदेश दमण एवं दीव के 45 बच्चों की पहचान की गई और सभी बच्चों की चिकित्सा जांच कराई गई। उनके माता-पिता या अभिभावकों से मांगे गए दस्तावेज के सत्यापन के उपरांत बाल कल्याण समिति दमण एवं दीव द्वारा इन बच्चों के माता-पिता को स्व-घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर लेकर उन्हें बच्चे सौंप दिए गए। उन्हें सख्त चेतावनी दी गई कि भविष्य में यदि बच्चों से भिक्षावृत्ति कराते पाए गए तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी एवं किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) अधिनियम, 2015 के अंतर्गत पांच साल तक का कारावास और एक लाख रुपए का आर्थिक दंड होगा। यह अभियान समाज कल्याण विभाग के सचिव संदीप कुमार सिंह एवं हेमंत कुमार के मार्गदर्शन में किया गया।
गौरतलब है कि दिसम्बर में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा संघ प्रदेश दमण के दौरे में भिक्षावृत्ति विशेषकर बाल भिक्षावृत्ति करने या कराने वाले व्यक्तियों और उनके माता-पिता की पहचान कर उन पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए गए थे।