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सूरत

बाजार में धनवर्षा का बनेगा योग

धनतेरस से लाभ पंचमी तक मनाएंगे पंचपर्व, जारी रहेंगे त्योहार के आयोजन

सूरतNov 05, 2018 / 06:29 pm

Dinesh Bhardwaj

patrika

बाजार में धनवर्षा का बनेगा योग

सूरत. दीपमालिका का पंचपर्व सोमवार को धन त्रयोदशी से शुरू हो जाएगा। इससे पूर्व वाघ बारस के मौके पर रविवार सुबह घर-घर के बाहर बनी रंगोलियों ने लोगों का ध्यान खींचा। वहीं, शाम को घर की मुंडेर पर दीपों की कतार झिलमिलाने लगी। धनतेरस से लाभपंचमी तक मनाए जाने वाले पंचपर्व में प्रतिदिन नित नया त्योहार आएगा और लोग दीपावली की खुशियां मनाएंगे।
दीपोत्सव पर्व की विधिवत शुरुआत सोमवार को धनतेरस से होगी और इस मौके पर शहर में स्वास्थ्य के देव धन्वतंरी की पूजा-अर्चना के साथ ही सूरत से बाहर जाने वाले लोग महालक्ष्मी पूजन भी विभिन्न मुहूर्त में करेंगे। धनतेरस पर लोग लग्न मुताबिक श्रेष्ठ मुहूर्त में पूजा करेंगे और धनतेरस एवं महालक्ष्मी पूजन के लिए उन्होंने आवश्यक सामग्री के अलावा नए वस्त्र, पटाखे, मिठाई आदि की खरीदारी की है। इस सिलसिले में रविवार को शहरभर के बाजार में लोगों की भीड़ दिखाई दी। वहीं, सोमवार को धनतेरस की पूजा से शुरू होने वाले दीपोत्सव पर्व के मौके पर मंगलवार को रूप चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी की पूजा की जाएगी। यह दिवस रूप-सौंदर्य एवं तंत्र पूजा के लिए मुख्य है। बुधवार को दीपावली पर्व के अवसर पर घर-घर रोशनी के दीप झिलमिलाएंगे और लोग लक्ष्मी माता की विधि-विधान से लग्न मुताबिक मुहूर्त में पंडितों से पूजा करवाएंगे। इसके बाद गुरुवार को अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, शुक्रवार को भाईदूज के अलावा 12 नवम्बर को लाभपंचमी का पर्व मनाया जाएगा।

मनाई वाघबारस


शहर समेत दक्षिण गुजरात में वाघबारस का पर्व रविवार को मनाया गया। सह्याद्री पर्वतमाला के वनवासी अंचल में वनवासियों ने कार्तिक कृष्ण द्वाद्वशी के मौके पर रविवार को वाघदेव की पूजा कर परम्परागत तरीके से वाघबारस का पर्व मनाया। इस मौके पर शहर में भी घरों कीके बाहर रंगोली सजी।

यूं रहेंगे पूजा के योग


धनतेरस के मौके पर सोमवार सुबह 6 बजकर 42 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक अमृत तथा सुबह 9 बजकर 32 मिनट से 10 बजकर 57 मिनट तक शुभ के चौघडिय़े में पूजा की जा सकेगी। इसके बाद सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। दोपहर एक बजकर 47 मिनट से शाम 6 बजकर 2 मिनट तक चर, लाभ, अमृत का चौघडिय़ा व शाम 5 बजकर 50 मिनट से 7 बजकर 37 मिनट तक गोधुलिवेला व रात 10 बजकर 47 मिनट से मध्यरात्रि बाद 12 बजकर 22 मिनट तक लाभ के चौघडिय़े में महालक्ष्मी की पूजा की जाएगी।

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