किसानों ने बताया कि वाडिय़ों में वानस्पतिक विधि से उत्तम गुणवत्ता के आम तैयार किए जाते हैं। इस बार अच्छी सर्दी व मौसम अनुकूल रहने से आम का उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है।
चालू माह के अंत तक बारिश, आंधी व धूलभरी हवा नहीं चली तो आम का उत्पादन पिछले रिकॉर्ड तोड़ सकता है। पेड़ों पर फूल आने के बाद कीटनाशक रसायनों का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे आम पर फंगा नामक कीट के संक्रमण से मुक्ति मिल जाती है। कृषि विभाग के अनुसार क्षेत्र में पुष्पारण के दौरान आम के पेड़ों पर अक्सर बंचीटाप का संक्रमण अधिक पाया जाता है। इस रोग संक्रमण से मंजरी एक गुच्छे के रूप में परिवर्तित हो जाती है। अच्छी ठंडक के कारण इस बार आम के पेड़ों पर जमकर पुष्पारण हुआ हैं। पुष्पारण के बाद फल तैयार होने में करीब तीन से साढ़े तीन माह लगते हैं।