प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल मांडवी के पुना गांव निवासी हंसा देवसिंह चौधरी बचपन से मौसी के यहां वदेशिया गांव में रहती थी। चार साल पूर्व हंसा की शादी मौसा-मौसी ने गांव के ही अनिल छन्ना चौधरी के साथ हुई थी। शादी के बाद दोनों को 3 साल का बेटा है। हंसा की शादी से पहले उसकी मां उर्मिला और शादी के बाद पिता की मौत हो गई। शादी के बाद एक साल बाद अनिल आए दिन हंसा से विवाद कर मारपीट करता था।
देवर और सास भी छोटी-छोटी बात पर हंसा को परेशान करते थे। सास छनी चौधरी भी हंसा को प्रताडि़त करती थी। पिछले एक साल से हंसा ससुराल नहीं गई थी और उनके मौसी के घर ही रहती थी। बाद में डेढ़ माह पूर्व ही समाधान होने पर उसे वापस ससुराल भेजा, लेकिन ससुराल वालों के झगड़ा करने से परेशान हंसा ने रविवार रात जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद हंसा के मौसा ने पति अनिल छना चौधरी, देवर विरल छना चौधरी और छनी छन्ना चौधरी के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करना का मामला दर्ज करवाया।
तेंदुआ पिंजरे में कैद
बारडोली. पलसाना तहसील के वणेसा गांव के पास वन विभाग के पिंजरे में 5 साल का तेंदुआ कैद हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार वणेसा गांव के भीमाडा फलिया में पिछले एक सप्ताह से लोगों को तेंदुआ दिखाई देता था। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत बारडोली के फ्रेंड्स ऑफ एनिमल वेलफेयर और पलसाना वन विभाग से की। वन विभाग ने दिलीप छोटू राठौड़ के खेत में तेंदुआ को पकडऩे के लिए पिंजरा रखा, जिसमें सोमवार सुबह एक तेंदुआ कैद हो गया। सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच तेंदुआ को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की।