प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमाट दबाकर जिस जगह सूरत मेट्रो का शिलान्यास किया उस स्टेशन को कोहिनूर के आकार में बनाने की तैयारी है। इसका डिजाइन इसी तरह से तैयार किया गया है कि लोगों को कोहिनूर हीरे की याद ताजा हो जाए। दो मंजिला मेट्रो स्टेशन लगभग 4500 वर्गफीट एरिया में बनेगा। पहली मंजिल पर टिकट काउंटर, वेटिंग स्पेस, चेक इन गेट होंगे तो दूसरी मंजिल पर दो प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। स्टेशन की क्षमता एक बार में 1500 यात्रियों की होगी। थर्ड रेल इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम स्टेशन एरिया में इंस्टाल किया जाएगा। इसी से मेट्रो ट्रेन का संचालन होगा। इस सिस्टम में मेट्रो ट्रेन ओवरहेड वायर की बजाय पटरियों के समानांतर बनी लाइन से बिजली लेगी। सूरत मेट्रो रेल प्रोजेक्ट 40.35 रनिंग किमी का होगा। प्रोजेक्ट का पहला कॉरिडोर 21.61 रनिंग किमी लंबा सरथाना से ड्रीम सिटी तक और दूसरा कॉरिडोर भेसाण से सारोली तक 18.74 किमी का होगा। इसके निर्माण पर 12,020 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दोनों कॉरिडोर को डायमंड कॉरिडोर और टैक्सटाइल कॉरिडोर का नाम दिया गया है।
इस तरह बढ़ा सफर सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट पर सैद्धांतिक रूप से वर्ष 2012 में चर्चा शुरू हुई थी। जनवरी 2016 में राज्य सरकार की हाइपावर कमेटी ने डीपीआर तैयार करने का निर्णय किया। फरवरी 2016 में मनपा ने डीपीआर का जिम्मा दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन को दिया। अगस्त 2016 में मनपा ने सेप्ट अहमदाबाद को ट्रैफिक सर्वेक्षण का काम सौंपा। जनवरी 2017 में राज्य सरकार ने सूरत में मेट्रो ट्रेन के दो कॉरिडोर का निर्णय किया। जुलाई 2017 में सूरत मेट्रो की डीपीआर केंद्र को भेजे जाने के लिए हाइपावर कमेटी ने बैठक में चर्चा की और 14 अगस्त 2017 को अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार ने इसे केंद्र को भेज दिया।
इसी बीच केंद्र सरकार ने 26 अगस्त 2017 को मेट्रो ट्रेन की पॉलिसी में बदलाव किया और एक सितंबर 2017 में सूरत मेट्रो की डीपीआर राज्य सरकार को लौटाते हुए नई नीति के मुताबिक रिवाइज डीपीआर तैयार करने के लिए कहा। राज्य सरकार ने 12 सितंबर 2018 को संशोधित डीपीआर केंद्र को भेजी। केंद्र सरकार ने 9 मार्च 2019 में 12020 करोड़ रुपए की संशोधित डीपीआर को मंजूरी दी। सोमवार को प्रधानमंत्री ने मेट्रो ट्रेन के पहले कॉरिडोर के दो प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया। इसमें ड्रीम सिटी से चौक बाजार तक एलिवेटेड और चौक बाजार से रेलवे स्टेशन तक भूमिगत ट्रैक और मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि वर्ष 2022 तक कुछ हिस्से में मेट्रो दौडऩा शुरू कर देगी।