मोदी की आदर्श योजनाएं, जो बनीं मॉडल
पंचामृत योजना- प्रदेश के एकीकृत विकास की पंचायामी योजना, सुजलाम् सुफलाम्- जलस्रोतों का उचित और समेकित उपयोग जिससे जल बर्बादी को रोका जा सके, कृषि महोत्सव- उपजाऊ भूमि के लिए शोध प्रयोगशालाएं, चिरंजीवी योजना- नवजात शिशु की मृत्यु दर में कमी लाने के लिए, मातृ वन्दना– जच्चा व बच्चा के स्वास्थ्य की रक्षार्थ, बेटी बचाओ- भ्रूण हत्या और लिंगानुपात पर अंकुश, ज्योतिग्राम योजना– प्रत्येक गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य , कर्मयोगी अभियान– सरकारी कर्मचारियों में कर्तव्य के प्रति निष्ठा जागृत करने, कन्या कलावाणी योजना– महिला साक्षरता और शिक्षा के प्रति जागरुकता बढ़ाने, बालभोग योजना– निर्धन छात्रों को विद्यालय में दोपहर भोजन देने जैसी समुचित विकास की कई योजनाओं पर मोदी ने प्रमुखता से काम किया। ये योजनाएं देश में आदर्श भी बनीं।
सबको याद है वनबंधु विकास कार्यक्रम
मोदी ने आदिवासी और वनवासी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए भी गुजरात में वनबन्धु विकास का दस सूत्री कार्यक्रम चलाया। इसमें पांच लाख परिवारों को रोजगार, उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ पेयजल, सिंचाई, समग्र विद्युतीकरण, प्रत्येक मौसम में सड़क मार्ग की उपलब्धता और शहरी विकास का लक्ष्य तय किया गया, जिसकी व्यक्तिगत मॉनिटरिंग खुद मोदी ने की।