वाहनों का जाम लगना आम बात
खुदाई के बाद अधर में लटके कार्यो से रास्तों पर वाहनों का जाम लगना आम बात हो गई है। वापी मुख्य रोड पिपरिया से शहीद चौक, टोकरखाड़ा होते हुए सामरवरणी तक सडक़ें खंडहर हो गई हैं। अथाल दमणगंगा से शहीद चौक, सब्जी मार्केट, आदिवासी भवन, किलवणी नाका, झंडा चौक से आमली तक रास्ता चलने लायक नहीं रहा। यहां राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है। सडक़ के बीचों बीच गड्ढे पड़ गए हैं। पिपरिया से टोकरखाड़ा तक दो किमी दूरी पार करने में वाहनों को 20 से 30 मिनट का समय लग जाता है। आवासीय क्षेत्रों में सडक़ तोडऩे के बाद बिना मिट्टी भरे छोड़ दी हैं। नगर परिषद अधिकारी कहते हैं कि खोदी गई सडक़ें सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन आती हैं, इसमें सिलवासा नगर परिषद का कोई लेना देना नहीं है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता केबी वालंद ने बताया कि भूमिगत केबलिंग का कार्य अधूरा रहने से रोड की मरम्मत संभव नहीं है। भूमिगत विद्युत केबलिंग के साथ गटर व पेयजल के कार्य भी पूर्ण नहीं हुए हैं। इनसे अनुमति मिलते ही रोड का निर्माण संभव हो सकेगा।
खुदाई के बाद अधर में लटके कार्यो से रास्तों पर वाहनों का जाम लगना आम बात हो गई है। वापी मुख्य रोड पिपरिया से शहीद चौक, टोकरखाड़ा होते हुए सामरवरणी तक सडक़ें खंडहर हो गई हैं। अथाल दमणगंगा से शहीद चौक, सब्जी मार्केट, आदिवासी भवन, किलवणी नाका, झंडा चौक से आमली तक रास्ता चलने लायक नहीं रहा। यहां राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है। सडक़ के बीचों बीच गड्ढे पड़ गए हैं। पिपरिया से टोकरखाड़ा तक दो किमी दूरी पार करने में वाहनों को 20 से 30 मिनट का समय लग जाता है। आवासीय क्षेत्रों में सडक़ तोडऩे के बाद बिना मिट्टी भरे छोड़ दी हैं। नगर परिषद अधिकारी कहते हैं कि खोदी गई सडक़ें सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन आती हैं, इसमें सिलवासा नगर परिषद का कोई लेना देना नहीं है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता केबी वालंद ने बताया कि भूमिगत केबलिंग का कार्य अधूरा रहने से रोड की मरम्मत संभव नहीं है। भूमिगत विद्युत केबलिंग के साथ गटर व पेयजल के कार्य भी पूर्ण नहीं हुए हैं। इनसे अनुमति मिलते ही रोड का निर्माण संभव हो सकेगा।