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सूरत

सिर पर खड़ा मानसून, सडक़ों की मरम्मत अधर में

वाहन चलाना भी हुआ मुश्किल, लोगों की बढ़ी परेशानी

सूरतMay 29, 2019 / 07:28 pm

Sunil Mishra

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सिर पर खड़ा मानसून, सडक़ों की मरम्मत अधर में


सिलवासा. शहर में खोदी गई सडक़ों की मरम्मत नहीं होने से मानसून में वाहन चालकों की परेशानी बढऩे वाली है। जून के प्रथम सप्ताह के बाद मानसून का कभी भी आगाज हो सकता है, लेकिन सडक़ मरम्मत की ओर किसी का ध्यान नहीं है। कई जगह अभी भी खुदाई चल रही है।
शहर में विद्युत, पेयजल, गैस और गटर लाइन जमीन में डालने के लिए खोदी गई सडक़ों से सभी रास्ते बदहाल हो गए हैं। सडक़ें खोदने के बाद पुन: मरम्मत नहीं हो रही है। कहीं गड्ढों को भरा नहीं गया है, तो कहीं बड़े-बड़े गड्डे खोदकर खुले छोड़ दिए हैं। कई इलाकों में मंद गति से कार्य चल रहा है, जो मानसून पूर्व पूर्ण होने के आसार नहीं हैं। मानसून पूर्व कार्यों में तोड़े गए रास्तों के पुनर्निमाण की अनदेखी हो रही है, इससे शहरवासी नाराज हैं। रास्ते खराब होने से वाहन रेंगकर चल रहे हैं। जगह-जगह खोदे गए गड्ढों में कर्ई बार वाहन फंस जाते हैं। यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। सडक़ों के दोनों छोर खुदाई से वाहनों के चलने के लिए सिर्फ एक लेन बची है।
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वाहनों का जाम लगना आम बात
खुदाई के बाद अधर में लटके कार्यो से रास्तों पर वाहनों का जाम लगना आम बात हो गई है। वापी मुख्य रोड पिपरिया से शहीद चौक, टोकरखाड़ा होते हुए सामरवरणी तक सडक़ें खंडहर हो गई हैं। अथाल दमणगंगा से शहीद चौक, सब्जी मार्केट, आदिवासी भवन, किलवणी नाका, झंडा चौक से आमली तक रास्ता चलने लायक नहीं रहा। यहां राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है। सडक़ के बीचों बीच गड्ढे पड़ गए हैं। पिपरिया से टोकरखाड़ा तक दो किमी दूरी पार करने में वाहनों को 20 से 30 मिनट का समय लग जाता है। आवासीय क्षेत्रों में सडक़ तोडऩे के बाद बिना मिट्टी भरे छोड़ दी हैं। नगर परिषद अधिकारी कहते हैं कि खोदी गई सडक़ें सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन आती हैं, इसमें सिलवासा नगर परिषद का कोई लेना देना नहीं है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता केबी वालंद ने बताया कि भूमिगत केबलिंग का कार्य अधूरा रहने से रोड की मरम्मत संभव नहीं है। भूमिगत विद्युत केबलिंग के साथ गटर व पेयजल के कार्य भी पूर्ण नहीं हुए हैं। इनसे अनुमति मिलते ही रोड का निर्माण संभव हो सकेगा।
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