प्रवेश से पहले ही डिप्लोमा इंजीनियरिंग की 20 हजार से अधिक सीटें हो जाएगी रिक्त
– 66 हजार सीटों के सामने 44 हजार विद्यार्थियों ने ही प्रवेश के लिए करवाया पंजीकरण- 10वी बोर्ड के रिपीटर विद्यार्थियों में से मात्र 700 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश के लिए किया आवेदन
प्रवेश से पहले ही डिप्लोमा इंजीनियरिंग की 20 हजार से अधिक सीटें हो जाएगी रिक्त
सूरत.
राज्य की डिप्लोमा इंजीनियरिंग कॉलेजों पर सीटें रिक्त रहने का संकट अभी से मंडराने लगा है। प्रवेश से पहले ही 20 हजार से अधिक सीटें रिक्त रहने की संभावना बढ़ गई है। कुल 66 हजार सीटों के सामने 44 हजार विद्यार्थियों ने ही प्रवेश के लिए पंजीकरण करवाया है। 10वी के रिपीटर विद्यार्थियों में से सिर्फ 700 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश के लिए पंजीकरण करवाया है। सीटों से कम पंजीकरण होने के कारण अभी से ही हजारों सीट रिक्त हो गई है।
कोरोनो के कारण सरकार ने बोर्ड परीक्षा नही लेने की घोषणा की। साथ ही सभी विद्यार्थियों को पास कर देने का तय किया गया। इसलिए इस बार लगा की डिप्लोमा इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ जायेगी। क्योंकि एक साथ 10वी में 8 लाख से अधिक विद्यार्थी पास होने थे। इसलिए एसीपीडीसी ने परिणाम से पहले ही प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी। लेकिन प्रवेश के पंजीकरण की स्तिथि देख एसीपीडीसी को निराशा ही हाथ लगी। कम विद्यार्थियों का पंजीकरण होने के कारण एसीपीडीसी ने तीन बार पंजीकरण की अवधि को बढ़ाया। फिर भी पंजीकरण की संख्या बढ़ी नही। इसलिए 10वी रिपीटर विद्यार्थियों के परिणाम की राह देख पुनः एक बार पंजीकरण की अवधि बढ़ाई। 31 अगस्त को पंजीकरण की अवधि समाप्त हो गई। कुल 4 बार पंजीकरण की अवधि बढ़ाई गई। फिर भी 44 हजार विद्यार्थियों ने ही प्रवेश के लिए पंजीकरण करवाया है। जबकि राज्य भर में डिप्लोमा की 66 हजार सीट है। इसलिए सीधी सीधे 20 हजार से अधिक सीट बिना प्रवेश के ही रिक्त हो गई है। 10वी के रिपीटर विद्यार्थियों में से भी सिर्फ 700 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया है। ऐसा जरुरी भी नही की पंजीकरण करवाने वाले सभी विद्यार्थी प्रवेश ले। हजारों विद्यार्थी 11वी या फिर अन्य कोर्स में प्रवेश ले लेते है। इसलिए अधिक सीट रिक्त रहने की संभावना बढ़ गई है।
– सी टू डी में सिर्फ 3400 विद्यार्थियों ने ही किया आवेदन
सर्टिफिकेट कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को सीधा डिप्लोमा के दूसरे वर्ष में प्रवेश दिया जाता है। ऐसे विद्यार्थियों के लिए 10 प्रतिशत सीट आरक्षित राखी जाति है। कुल 34 हजार सीटों के सामने मात्र 3400 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश के लिए पंजीकरण करवाया है। इसलिए सी टू डी में भी हजारों सीट रिक्त रह जाएगी। जैसे जैसे प्रवेश की मेरिट लिस्ट जारी होगी और विद्यार्थी प्रवेश निश्चित करवाएंगे वैसे पता चलेगा कितनो ने प्रवेश लिया है। रिक्त सीट भरने का जिम्मा अंत में कॉलेज को सौंपा जाएगा।
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