मकर संक्रांति के मौके पर सोमवार और मंगलवार को पुलिस प्रशासन ने सूरत के सभी फ्लाइओवर ब्रिज पर दुपहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। चीनी तुक्कल और मांझे का उपयोग करने पर भी पुलिस की ओर से कार्रवाई की जाएगी। मकर संक्रांति पर धारदार मांझे से पक्षियों और व्यक्तियों के घायल होने की घटनाएं होती हैं। फ्लाइओवर ब्रिज पर दुपहिया वाहन चालकों के साथ इस तरह के हादसे अधिक होते हैं। इसलिए पुलिस आयुक्त ने अधिसूचना जारी कर 14 और 15 जनवरी को सभी फ्लाइओवर ब्रिज पर दुपहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीनी तुक्कल और मांझे की बिक्री पर भी प्रतिबंध है।
मकर संक्रांति पर बाजार रंग-बिरंगी पतंगों से सजे नजर आते हैं, लोग पतंग उड़ाने का लुत्फ लेते हैं, लेकिन कम लोग ही जानते होंगे कि इस पर्व पर पतंग क्यों उड़ाई जाती है। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का महत्व धार्मिक भी है और वैज्ञानिक भी। धर्म में इसका संबंध भगवान राम से बताया जाता है। माना जाता है भगवान राम ने मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की शुरुआत की थी। तमिल की तंदनान रामायण के मुताबिक भगवान राम ने जो पतंग उड़ाई, वह इंद्रलोक में चली गई थी। राम द्वारा शुरू की गई परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है। पतंग उड़ाने का स्वास्थ्य से भी संबंध है। पतंग उड़ाने के दौरान कई व्यायाम एक साथ हो जाते हैं। सर्दियों की सुबह पतंग उड़ाने की शरीर को ऊर्जा मिलती है और त्वचा संबंधी विकार दूर होते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण होता है। इस दिन सूर्य मकर रेखा में प्रवेश करता है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहा जाता है। एक साल में 12 संक्रांति होती हैं, लेकिन इनमें से मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति प्रमुख हैं।