महाराष्ट्र और गुजरात में प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन रेलवे में प्लास्टिक पर रोक के लिए रेल प्रशासन सक्रिय नजर नहीं आता। मुम्बई-नई दिल्ली राजधानी, मुम्बई-निजामुद्दीन अगस्त क्रांति राजधानी, मुम्बई-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों में सैंडविच प्लास्टिक प्लेट में दी जा रही है। इसके अलावा अहमदाबाद-नई दिल्ली स्वर्ण जयंती राजधानी, मुम्बई-अहमदाबाद कर्णावती एक्सप्रेस तथा मुम्बई-अहमदाबाद एसी डबल डेकर एक्सप्रेस में भी यहीं देखने को मिल रहा है। यात्रियों ने इसकी शिकायत रेलवे बोर्ड यात्री सेवा समिति के पूर्व सदस्य और चैम्बर ऑफ कॉमर्स में रेलवे कमेटी के चेयरमेन राकेश शाह से की। शाह ने रेल अधिकारियों से ट्रेनों में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है।
पश्चिम रेलवे के चर्चगेट हेडक्वाटर से इस संबंध में आइआरसीटीसी के जनरल मैनेजर समेत अन्य पदाधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शाह ने बताया कि गुजरात और महाराष्ट्र में प्लास्टिक की थैलियों पर बैन लगा दिया गया है, लेकिन ट्रेनों में सैंडविच प्लास्टिक में ही यात्रियों को परोसी जा रही है। पेन्ट्रीकार के ठेकेदार तथा स्टेशनों पर फूड प्लाजा चलाने वाले संचालकों को यात्रियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए स्वत: प्लास्टिक के उपयोग से किनारा कर लेना चाहिए।
दूसरी तरफ आइआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन में खाद्य सामग्री परोसने के लिए अलग प्रकार के प्लास्टिक का उपयोग होता है। फिर भी हम मामले में संज्ञान में लेकर जांच कराएंगे।
स्टेशनरी नहीं, हाजिरी नोटबुक में
सूरत महानगर पालिका संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के शिक्षक बिना स्टेशनरी काम करने पर मजबूर हैं। शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 15 दिन हो गए, लेकिन अभी तक कई स्कूलों को स्टेशनरी नहीं मिल पाई है। शिक्षक कक्षा में विद्यार्थियों की उपस्थिति नोटबुक में दर्ज कर रहे हैं। नगर प्राथमिक शिक्षा समिति पर सूरत मनपा करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है। यह दावा कागजों पर ही नजर आ रहा है। पहले समिति के विद्यार्थी स्टेशनरी, स्कूल बैग और जूते से वंचित थे।
पिछले साल हजारों विद्यार्थियों को स्कूल बैग, जूते और गणवेश नहीं मिले। इस मामले में सालभर हंगामा चलता रहा। अब समिति के शिक्षक स्टेशनरी से वंचित हैं। विद्यार्थियों की उपस्थिति और कई जरूरी कामों के रजिस्टर समेत अन्य स्टेशनरी कई स्कूलों में नहीं है। शिक्षक और स्कूल प्रशासन बिना स्टेशनरी परेशान हैं। इस बारे में समिति सदस्य नटु पटेल ने समिति शासनाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जल्द स्टेशनरी की व्यवस्था करने की मांग की है।