-मानों चुभ गई हो वह बात वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में सूरत की मजूरा विधानसभा सीट के लिए प्रवासी राजस्थानी लग्जरी बस में बैठकर गांधीनगर गए थे और उस दौरान वहां भाजपा के प्रदेश व केंद्रीय नेताओं से मजूरा सीट से प्रवासी राजस्थानी के लिए पार्टी की टिकट मांगे थे। इस दौरान वहां उन्हें नसीहत दी गई थी कि संगठन के लिए जमीनी स्तर पर काम करना जरूरी है, तब जाकर कहीं टिकट मिल पाती है। गांधीनगर जाने वालों में प्रवासी राजस्थानियों के कई बड़े-बड़े नाम उस दौरान शामिल थे और मानों तब की बात प्रवासी राजस्थानी कार्यकर्ताओं को चुभ सी गई हो। हाल में राजस्थान जिला परिषद व तहसील पंचायत समिति में चुनाव लड़ रहे सूरत में बसे अधिकांश प्रवासी राजस्थानी पार्टी सिम्बॉल के साथ चुनाव मैदान में है और यह स्थिति उन्होंने पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करके ही बनाई है।
-जानिए कौन-कहां से उम्मीदवार –जालोर जिले की आहोर पंचायत समिति के वार्ड नं. 10 से प्रवासी राजस्थानी महेंद्रसिंह राजपुरोहित भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। राजपुरोहित सूरत में मंडप व अन्य व्यवसाय से जुड़े हैं।
–उदयपुर जिला परिषद के वार्ड नं. 1 से कांग्रेस की टिकट पर युवा गौरव श्रीमाली चुनाव लड़ रहे हैं। श्रीमाली सूरत में कपड़ा व्यवसाय से जुड़े है और राजस्थान प्रदेश युवक कांग्रेस के उपाध्यक्ष है।
–राजसमंद जिले की देवगढ़ पंचायत समिति के वार्ड नं. 6 से भाजपा की टिकट पर सूरत में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता नरपतसिंह चुंडावत की पत्नी भंवर कंवर चुनाव लड़ रही है।
–नागोर जिले की भेरुंदा पंचायत समिति के वार्ड नं. 3 से भाजपा की टिकट पर रामनिवास टांडी चुनाव लड़ रहे हैं। टांडी सूरत में कपड़े समेत अन्य व्यवसाय में सक्रिय रह चुके हैं।
–उदयपुर जिले की गोगुंदा पंचायत समिति के वार्ड नं. 1 से सूरत के कपड़ा व्यवसायी किशनसिंह झाला की पत्नी प्रकाश कंवर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही है।
–उदयपुर जिले की सायरा पंचायत समिति के वार्ड नं. 1 से सूरत के कपड़ा व्यवसायी शैतानसिंह चुंडावत भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
-अधिकांश का कपड़ा कारोबार से संबंध राजस्थान जिला परिषद व तहसील पंचायत समिति में चुनाव लड़ रहे सूरत में बसे अधिकांश प्रवासी राजस्थानियों का संबंध कपड़ा कारोबार से है। गौरतलब है कि जब भी राजस्थान या गुजरात में विधानसभा अथवा लोकसभा चुनाव होते हैं और पार्टी नेता प्रचार के लिए आते हैं तो वे रिंगरोड कपड़ा बाजार में जरूर जाते हैं। इसके अलावा सूरत में राजस्थान की विधानसभा अथवा लोकसभा वार और सामाजिक स्तर पर भी चुनाव की कई बैठकें होती है। सूरत में बसे प्रवासी राजस्थानियों के बीच राजस्थान से आने वाले भाजपा-कांग्रेस के नेताओं को केवल वोट ही नहीं मिलते बल्कि उन्हें चुनाव लडऩे के लिए जरूरी अन्य सहयोग भी पर्याप्त मात्रा में मिलता है। इसी लगाव का परिणाम है कि पंचायत चुनाव में प्रवासी राजस्थानी भी भाग लेने लगे हैं।