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सूरत

ओखी के बाद पोंगल की ग्राहकी ने पकड़ी रफ्तार

मंदी की लम्बी मार झेल चुके कपड़ा बाजार में दक्षिण भारत के त्योहार पोंगल की ग्राहकी ने ‘ओखी’ का जोर कमजोर पडऩे के बाद गति पकड़ी है। हालांकि कपड़ा व्याप

सूरतDec 12, 2017 / 09:02 pm

मुकेश शर्मा

Pokhal's subscription after Okhi, catching speed

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सूरत।मंदी की लम्बी मार झेल चुके कपड़ा बाजार में दक्षिण भारत के त्योहार पोंगल की ग्राहकी ने ‘ओखी’ का जोर कमजोर पडऩे के बाद गति पकड़ी है। हालांकि कपड़ा व्यापारियों ने समुद्री चक्रवात ओखी के कारण पोंगल की ग्राहकी इस बार आधी रहने की आशंका जताई है।

प्रत्येक वर्ष दिसम्बर के पहले सप्ताह से ही कपड़ा बाजार में पोंगल की ग्राहकी शुरू हो जाती है। आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के प्रमुख त्योहार पोंगल के दौरान बहन-बेटियों को भेंट-सौगात देने का रिवाज है। दोनों प्रदेश की कपड़ा मंडियों के अलावा आसपास की मंडियों के हजारों कपड़ा व्यापारी खरीदारी के लिए सूरत आते हैं। स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि दीपावली के समान दक्षिण भारत के इन दोनों प्रदेशों में पोंगल पर धार्मिक और सामाजिक उत्साह रहता है।

घरों में बहन-बेटियों के आने और उनकी आवभगत की रीत है। मकर संक्रांति के आसपास मनाए जाने वाले पोंगल पर कृषि के मुख्य आधार गाय-बैल की पूजा की जाती है। पौष प्रतिपदा को मुख्य पर्व मनाया जाता है और अगहन मास में अच्छी फसल की कामना की जाती है।

ओखी के कारण दिसम्बर का पहला सप्ताह तो यूं ही बीत गया, लेकिन अब व्यापारी सूरत आने लगे हैं। अगले सप्ताह से ग्राहकी निकलने की अच्छी उम्मीद है। ओखी ने दक्षिण भारत में ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर भी प्रभाव डाला है। ऑर्डर का माल आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु समेत अन्य कपड़ा मंडियों में पहुंचने में 8 से 10 दिन का समय लग रहा है।

आधे से भी कम व्यापार


समुद्री चक्रवात ओखी के कारण सूरत कपड़़ा मंडी का कारोबार काफी प्रभावित हुआ है। करीब एक माह के इस सीजन में अंदाजन तीन हजार करोड़ रुपए का व्यापार होता था, जो इस बार आधे से भी कम रह गया है। इसमें जीएसटी भी एक कारण है। एसटीएम, न्यू टीटी, जेजे, शिवशक्ति, अभिषेक, महावीर आदि टैक्सटाइल मार्केट के व्यापारियों ने पोंगल के सीजन की विशेष तैयारियां की हैं।

यह है बड़ी कपड़ा मंडियां

चैन्नई, वैल्लुर, सेलम, नॉर्थ आरकाट, कांचीपुरम, कन्याकुमारी, कुडल्लुर, कोयम्बटूर, पुड्डुचेरी, विल्लीपुरम, हैदराबाद, अनंतपुरम, विजयवाड़ा, राजमुंद्री आदि।

कलमकारी प्रिंट की डिमांड

पोंगल के लिए रेनियल, टरकी, चापा, भागलपुरी, ब्लेक रंगोली, चाइना शिफॉन आदि कपड़ों और कलमकारी प्रिंट वाली साडिय़ों की डिमांड अधिक है। कलमकारी साड़ी पर बुद्धा प्रिंट, फिगर प्रिंट को दक्षिण भारत में महिलाएं ज्यादा पसंद करती हैं। प्रिंटेड ब्लाउज और लेसयुक्त कलमकारी साड़ी की रेंज 250 रुपए से शुरू होती है।

उम्मीद बाकी

& दिसम्बर का पहला सप्ताह पोंगल की ग्राहकी के बगैर निकल गया, लेकिन उम्मीद अभी बाकी है। स्थानीय कपड़ा व्यापारियों ने सीजनेबल ग्राहकी की बड़े पैमाने पर तैयारी की है। कलमकारी प्रिंट थोक में तैयार किया गया है।मुकेश अग्रवाल, कपड़ा व्यापारी, महावीर मार्केट

10 दिन तक चलेगा

& पोंगल का त्योहार दक्षिण भारत में मकर संक्रांति के दौरान करीब दस दिन तक मनाया जाएगा। वहां बहन-बेटियों की घर बुलाकर आवभगत की जाती है। उन्हें त्योहार के मौके पर भेंट-सौगात में साड़ी, सूट और अन्य सामग्री दी जाती है।चम्पालाल परमार, कपड़ा व्यापारी, न्यू टैक्सटाइल टावर मार्केट

प्रभावित हुआ कारोबार

& पहले जीएसटी और हाल में समुद्री चक्रवात ओखी ने पोंगल की ग्राहकी को काफी प्रभावित किया है। पोंगल की सीजनेबल ग्राहकी आधे भी कम रह गई है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह दक्षिण भारत के व्यापारी यहां पहुंचेंगे और ग्राहकी शुरू होगी।रुघाराम सीरवी, कपड़ा व्यापारी, न्यू टीटी मार्केट

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