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सूरत

इंडेप्थ स्टोरी : प्रशासन के बीच बैठकर ही कर दिया बड़ा घोटाला!

सीएसआर की आड़ में सरकारी तंत्र को लगाई चपत, मुकदमा दर्ज होने के एक महीने बाद पुलिस आई हरकत में….

सूरतJun 28, 2018 / 10:46 pm

Rajesh Kumar Kasera

navsari photo

इंडेप्थ स्टोरी : प्रशासन के बीच बैठकर ही कर दिया बड़ा घोटाला!

नवसारी. इसे सरकारी तंत्र की कमजोरी कहें या नाकामी। कॉर्पोरेट सोश्यल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) की आड़ लेकर एक स्वयंसेवी संस्था के कई सदस्य एक साल तक रौब झाड़ते रहे। सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगों से वसूली करते गए। इतना ही नहीं जिला कलक्टर परिसर के एक कमरे में ‘कब्जा’ करके मनमानी करते रहे। बाद में खेती-बाड़ी विभाग के अधिकारी ने सारा सच उजागर किया तो हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में संस्था को कमरा खाली करने का नोटिस दिया और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया।
यह प्रकरण डांग जिले से जुड़ा है। सीएसआर के जरिए 25 करोड़ रुपए का काम करने वाली इस संस्था ने एक धेले भर का काम एक साल में नहीं कराया। उल्टे जिले में चल रही प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय निर्माण योजना में करोड़ों रुपए का गड़बड़झाला कर दिया। आरोपियों को शिंकजे में कसने के लिए डांग पुलिस ने वलसाड और नवसारी पुलिस की मदद से गुरुवार को नवसारी में संस्था के प्रमुख लोगों से पूछताछ करने के लिए दबिश दी। तीघरा स्थित क्रिस्टल लक्जरिया अपार्टमेन्ट में संस्था संचालक अंकित मेहता के यहां छापा मारा। यहां से पूछताछ के लिए भावेश्री दावेड़ा को हिरासत में लिया। इस दौरान उसने भारी हंगामा मचाया और पुलिस पर मारपीट के आरोप भी लगाए।
पुलिस ने उसे घर से बाहर जीप में बैठाकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए। सर्च के दौरान दो लैपटॉप, एक टेबलेट, चार पैन ड्राइव, आठ मोबाइल फोन, मैमोरी कार्ड, स्टांप, विजिटिंग कार्ड समेत एटीएम, पासबुक समेत कई अहम दस्तावेज जब्त किए। पुलिस ने नवसारी के अलावा संस्था के तीन से चार पदाधिकारियों की तलाशी के लिए मुंबई, गांधीनगर और अहमदाबाद में भी दबिश दी। इधर, हिरासत में ली गई भावेश्री को पुलिस ने देर शाम तक गिरफ्तार नहीं किया था।
किसानों के हितार्थ खर्च करने थे 25 करोड़


डांग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अजीत राज्याना ने बताया कि सीएसआर के जरिए २५ करोड़ रुपए का काम डांग जिले के किसानों के हित में होना था। इसके लिए कृषि विकास सेल का गठन किया गया और जिला कलक्ट्री परिसर में खेती बाड़ी विभाग का एक कमरा आवंटित किया गया। जिन लोगों को किसानों के विकास का काम करना था, वे खुद के लाभ में लग गए और एक साल तक कोई काम नहीं हुआ। न डांग के किसानों की सफेद मूसली की पैदावार को बड़ी पहचान मिल पाई और न ही स्ट्रोबैरी की खेती को बढ़ावा मिल पाया। सीएसआर के तहत जो 14 कार्य तय किए गए, वे कागजों से बाहर ही नहीं निकल पाए।
डांग कलक्टर पर लगाए गंभीर आरोप


इधर, हिरासत में लिए जाने के बाद कृषि विकास सेल की संचालिका भावेश्री ने सरकार के बड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उसने बताया कि जिन आरोपों के आधार पर उनकी संस्था के लोगों को घेरा जा रहा है, वे निराधार हैं। उल्टे गृह मंत्रालय के अतिरिक्त प्रमुख सचिव और डांग के जिला कलक्टर उनसे लाखों रुपए मांग रहे हैं। ऐसा नहीं करने पर फंसाने की धमकी दे रहे हैं। भावेश्री ने कलक्टर बीके कुमार की पुत्री को रुपए देने और दामाद के साथ विदेश घुमाने का खर्च लेने जैसे आरोप भी लगाए। भावेश्री के राज्य में कई अन्य एनजीओ से जुडऩे की जानकारी भी सामने आई है।
महिला के लगाए सभी आरोप गलत हैं


ड़ांग कलक्टर बीके कुमार ने बताया कि भावेश्री ने उन पर जो भी आरोप लगाए हैं, वे निराधार हैं। यहां आदिवासियों के उत्थान के लिए काम करने आए थे और किया कुछ नहीं। साथ ही जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना या शौचालय का एक भी काम किसी एनजीओ को नहीं सौंपा। गड़बड़झाला करने के बाद खुद को शिंकजे में घिरता देखकर कर ऐसे आरोप मढ़े जा रहे हैं। बेटी और दामाद स्वयं इतने सक्षम हैं कि अपने खर्च पर विदेश यात्रा पर जा सकते हैं। पुलिस जांच में सारा सच सामने आ जाएगा।


कॉम्पलेक्स परिसर में मिली लक्जरी कारें


क्रिस्टल लक्जरिया अपार्टमेन्ट में पुलिस का आलीशान कारें भी खड़ी मिलीं। इनकी कीमत करोड़ों रुपए में है। इन्हीं कारों का इस्तेमाल संस्था के लोग डांग के किसानों के विकास के लिए करते थे। हालांकि किसान तो एक कदम आगे नहीं बढ़ पाए, पर संस्था के जिम्मेदार जरूर लक्जरी कारों से हवा की सैर करते थे।

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