https://www.patrika.com/jaipur-news/guru-purnima-2020-galta-tirth-jaipur-guru-pujan-6246602/ घरों पर गुरु पूजन
सिलवासा. आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर गुरु पूर्णिमा का पर्व लोगों ने घरों पर ही अभिषेक, हवन अनुष्ठान, मंत्रजाप आदि विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने घर पर ही गुरु पूजा की। घर के मंदिर में चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखा बनाकर व्यास-पीठ बनाई और गुरु प्रतिमा रखकर कुमकम, अबीर, गुलाल आदि से पूजा की। गुरु के चरणों में मिठाई, ऋतुफल, सूखे मेवे, पंचामृत का भोग लगाया। श्रद्धालुओं ने हवन और अनुष्ठान के बाद पादुका पूजा, गुरु ज्ञान, गुरु चालीसा पाठ के बाद आरती उतारकर आशीर्वाद प्राप्त किया। कुड़ाचा निर्माणाधीन ओमकार मंदिर में गुरु को देवों से बड़े आसन पर पूजा गया। पूजन में निखिलेश्वर भगवान को गुरु की उपमा दी गई। पंडित दीपक महाराज ने कहा कि आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु का आशीर्वाद लेने से वर्ष भर के कार्य सफल हो जाते हैं।
सिलवासा. आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर गुरु पूर्णिमा का पर्व लोगों ने घरों पर ही अभिषेक, हवन अनुष्ठान, मंत्रजाप आदि विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया। कोरोना संक्रमण के चलते लोगों ने घर पर ही गुरु पूजा की। घर के मंदिर में चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखा बनाकर व्यास-पीठ बनाई और गुरु प्रतिमा रखकर कुमकम, अबीर, गुलाल आदि से पूजा की। गुरु के चरणों में मिठाई, ऋतुफल, सूखे मेवे, पंचामृत का भोग लगाया। श्रद्धालुओं ने हवन और अनुष्ठान के बाद पादुका पूजा, गुरु ज्ञान, गुरु चालीसा पाठ के बाद आरती उतारकर आशीर्वाद प्राप्त किया। कुड़ाचा निर्माणाधीन ओमकार मंदिर में गुरु को देवों से बड़े आसन पर पूजा गया। पूजन में निखिलेश्वर भगवान को गुरु की उपमा दी गई। पंडित दीपक महाराज ने कहा कि आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु का आशीर्वाद लेने से वर्ष भर के कार्य सफल हो जाते हैं।
सादगी से मनाया गुरु पूर्णिमा का पर्व
सूरत. कोविड-19 की वजह से आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व सादगी के साथ मनाया गया। इस दौरान संतवंृद के सानिध्य में श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। हालांकि शनिवार मध्यरात्रि के बाद से ही सोशल मीडिया पर गुरु के प्रति शिष्यों का समर्पण भाव खूब देखने को मिला।
इस दौरान तापी किनारे आश्रम, मठ, मंदिर, देवालय आदि धार्मिक स्थलों पर गुरुभक्ति के प्रतीक आयोजन श्रद्धालुओं की ओर से किए गए। गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने के लिए धार्मिक व स्वयंसेवी संस्थाएं भी कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक ही सक्रिय रही। इस दौरान गुरु पूजन, गुरु दीक्षा, सत्संग-प्रवचन, भजन-कीर्तन, भंडारे आदि के सामूहिक व बड़े आयोजन टाले गए। कोरोना की वजह से शहर में कहीं भी सामूहिक कार्यक्रम नहीं किए गए। वहीं, मंदिर, मठ, आश्रम समेत ज्यादातर धार्मिक स्थलों पर गुरु पूर्णिमा पर्व के आयोजन स्थगित रखे गए।
सूरत. कोविड-19 की वजह से आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व सादगी के साथ मनाया गया। इस दौरान संतवंृद के सानिध्य में श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। हालांकि शनिवार मध्यरात्रि के बाद से ही सोशल मीडिया पर गुरु के प्रति शिष्यों का समर्पण भाव खूब देखने को मिला।
इस दौरान तापी किनारे आश्रम, मठ, मंदिर, देवालय आदि धार्मिक स्थलों पर गुरुभक्ति के प्रतीक आयोजन श्रद्धालुओं की ओर से किए गए। गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने के लिए धार्मिक व स्वयंसेवी संस्थाएं भी कोविड-19 की गाइडलाइन के मुताबिक ही सक्रिय रही। इस दौरान गुरु पूजन, गुरु दीक्षा, सत्संग-प्रवचन, भजन-कीर्तन, भंडारे आदि के सामूहिक व बड़े आयोजन टाले गए। कोरोना की वजह से शहर में कहीं भी सामूहिक कार्यक्रम नहीं किए गए। वहीं, मंदिर, मठ, आश्रम समेत ज्यादातर धार्मिक स्थलों पर गुरु पूर्णिमा पर्व के आयोजन स्थगित रखे गए।