मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिहाज से रफाल सौदा काफी महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद कांग्रेस ने वर्ष 2007 से 2014 तक इसे लटकाए रखा। आरोप लगाया कि इसके पीछे कांग्रेस की कमीशन खाने या किसी बिचौलियों का लाभ पहुंचाने की मंशा हो सकती है। हालांकि केन्द्र में भाजपा की सरकार आने के साथ ही रफाल सौदे पर निर्णय किया गया। राहुल गांधी और कांग्रेस की ओर से रफाल सौदे की कीमत, प्रक्रिया और इंडियन पार्टनर पर सवाल उठाए जा रहे थे। इसे लेकर कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को क्लीन चिट देते हुए सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। इसके बावजूद राहुल गांधी और पूरा विपक्ष सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने को तैयार नहीं है और न्यायतंत्र पर सवाल उठा रहे हैं।
खट्टर ने राहुल गांधी की तुलना हिटलर के प्रचार मंत्री जोसेफ गोयबल्स से करते हुए कहा कि झूठ आखिर झूठ होता है, यह जानते हुए भी राहुल गांधी झूठी कहानियां बनाकर जनता को भ्रमित करना चाहते हैं। राम मंदिर निर्माण को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर भाजपा के लिए कभी चुनावी मुद्दा नहीं रहा है। यह आस्था का विषय है और हर हिन्दू की इच्छा है कि जल्द से जल्द राम मंदिर बने। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भाजपा की हार और किसानों की कर्ज माफी पर उन्होंने सफाई दी कि रफाल के कारण इन तीनों राज्यों में हार नहीं मिली है। भाजपा किसानों की आय बढ़ाना चाहती है और इस दिशा में कार्य भी कर रही है। जब भी और जहां किसानों की कर्ज माफी की आवश्यकता होगी, वहां भाजपा सरकार भी इस पर निर्णय लेगी।