सरकार स्टेशनों पर सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रयासरत है। ट्रेनों में पेन्ट्रीकार के कर्मचारियों को इलेक्ट्रोनिक बिलिंग मशीन देने के साथ प्लेटफॉर्म के स्टॉल्स पर भी बिलिंग मशीन के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। ओवर चार्जिंग पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सूरत स्टेशन पर इलेक्ट्रोनिक बिलिंग मशीन की सुविधा एक जून से शुरू की गई है। दूसरी तरफ स्टेशन पर तैनात अधिकारियों की ग्रेडिंग में भी बदलाव किया गया। सूरत स्टेशन के क्षेत्रीय रेलवे प्रबंधक सी.आर. गरूड़ा को पदोन्नत कर स्टेशन डायरेक्टर नियुक्त किया गया।
अब रेलवे का फोकस अधिकारियों के चैम्बर को वातानुकूलित करने पर है। रेलवे बोर्ड ने 19 जून को एक परिपत्र जारी किया। इसमें बताया गया कि स्टेशन डायरेक्टर, स्टेशन सुप्रिटेंडेंट, सुपरवाइजर स्तर के अधिकारियों के चैम्बर में यात्रियों की आवाजाही रहती है। कभी अधिकारियों के चैम्बर में लोगों की संख्या अधिक हो जाती है।
कार्यस्थल को अनुकूल और सुविधायुक्त बनाने के लिए अधिकारियों के चैम्बर में एसी लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। रेलवे बोर्ड ने देश के ८६१३ स्टेशनों की नई श्रेणी जारी की है। इसमें एनएसजी-1 से एनएसजी-4 तक के स्टेशनों के स्टेशन डायरेक्टर, स्टेशन सुप्रिटेंडेंट, सुपरवाइजर स्तर के अधिकारियों के चैम्बर में एसी लगाया जाएगा। यह कार्य दो महीने में पूरा कर २५ अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। आय और यात्रियों के आधार पर सूरत और मुंबई को एनएसजी-1 श्रेणी में रखा गया है।
नॉन सबर्वन ५९७६ स्टेशनों की श्रेणी
श्रेणी सालाना आय सालाना यात्री
एनएसजी-1 500 करोड़ से अधिक २ करोड़ से अधिक
एनएसजी-२ १०० से 500 करोड़ एक से दो करोड़
एनएसजी-३ २० से १०० करोड़ ५० लाख से एक करोड़
एनएसजी-४ १० से २० करोड़ २० लाख से ५० लाख
एनएसजी-५ ०१ से १० करोड़ १० लाख से २० लाख
एनएसजी-६ एक करोड़ से अधिक १० लाख से अधिक
४८४ सबर्वन स्टेशन
एसजी-1 २५ करोड़ से अधिक तीन करोड़
एसजी-२ १० से २५ करोड़ एक से तीन करोड़
एसजी-३ १० करोड़ से अधिक एक करोड़ से अधिक
२१५३ हॉल्ट स्टेशन
एचजी-1 ५० लाख से अधिक तीन लाख से अधिक
एचजी-2 ५ से ५० लाख एक से तीन लाख
एचजी-3 5 लाख से अधिक एक लाख से अधिक