वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ शुरू से ही केन्द्र सरकार के रेलवे निजीकरण, आउटसोर्सिंग, उत्पादन इकाइयों का कोर्पोरेटाइजेशन और भारतीय रेल के सभी डिविजन की रेलवे कोलोनियों की बिक्री का विरोध करता रहा है। सूरत रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को प्लेटफार्म संख्या एक पर वीआइपी रूम में जेजी महूरकर ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि निजी कंपनियां मनमाना किराया वसूल करेंगी। साथ ही यात्रियों के सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होगी। वह लगातार सरकार से नई पेंशन योजना को बंद कर रेलकर्मियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने की मांग कर रहे है।
देश में प्रतिदिन दो रेल कर्मचारियों की दुर्घटना में मौत होती है। उन्होंने कहा इतिहास में पहली बार मेल/एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन निजी हाथों में देने पर विचार हो रहा है। यह लोग रेल यात्रियों को सेवा देने के बजाय अपने फायदे के लिए काम करेंगे। एनएफआइआर इसका विरोध करती है। इसके बाद महुरकर ने सूरत कैरेज एंड वैगन डिपो (सीएनडब्लू) के कर्मचारियों को संबोधित किया।
इस दौरान वेस्टर्न रेलवे एम्पलाई यूनियन के जोनल चेयरमैन शरीफ खान पठान तथा मुम्बई रेल मंडल अध्यक्ष अजय सिंह, मंडल सचिव किरण पाटिल, सूरत शाखा के अध्यक्ष अमीन मिर्जा, उपाध्यक्ष अश्विनी कुमार वर्मा, हरि सिंह मीणा, सचिव भूपेन्द्र सिंह रजावत, सह सचिव हिरेण शाह, जरमेश राठौड़, प्रदीप शर्मा, दिलखुश मीना, विश्राम मीना, अमित मीना, जावेद मंसूरी, अनिल डंडेरवाल उपस्थित रहे।
डब्लूआरएमएस की प्रमुख मांग – प्रोडक्शन यूनिट का कॉर्पोरेटाइजेशन बंद करें।
– नया नेशनल पेंशन सिस्टम वापस लें।
– पदों का अभ्यर्पण और आउटसोर्सिंग करना बंद करें।
– एनएफआइआर के साथ सम्मत हुए रेल स्टाफ के मुद्दों का त्वरित अमल करें।
– रेल संसाधनों और कॉलोनियों को प्राइवेट पार्टी के हाथ में देना बंद करें।
– ट्रेनों को प्राइवेट पार्टी के हाथों में देना बंद करें, रेल यात्रियों से फायदा उठाना बंद हो।