बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार सिलवासा में 1027 तथा खानवेल में 1327.1 मिमी बरसात हो चुकी है। सावन की शुरुआत के साथ बारिश का रूख थोड़ा कमजोर पड़ा है, लेकिन रोजाना बरसात होने से सब जगह पानी जमा है। शहर की सड़कें बदहाल हो गई है। अंचल के सायली, उमरकुई, किलवणी, रांधा, रखोली, रूदाना, मांदोनी, सिंदोनी, खानवेल, कौंचा, दुधनी, खेरड़बारी, बिलदरी, अंबाबारी, रूदाना, शेल्टी, गोरातपाड, वेलुगाम, डोलारा, खेरड़ी में वर्षा का ग्राफ अधिक हैं। सावन में मानसून सक्रिय रहने से खरीफ की फसलें लहलहा उठी है। खेतों में पशुओं की घास हरी हो गई है। मानसून की बौछारों से खेतों की छंटा उच्चतम स्कोर पर है। धन-धान्य से लहलहाती फसलों को देख किसान प्रसन्न हैं। दपाड़ा, नरोली, रांधा, किलवणी, आंबोली, सुरंगी अंचल में धान की अच्छी खेती है। कृषि अधिकारी सुरेश भोया ने बताया कि अच्छी पैदावार के लिए खेतों में निराई गुड़ाई करके अल्प मात्रा में यूरियां का प्रयोग फसलों के लिए लाभदायक है।