सूरतवित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने शुक्रवार को
अर्थतंत्र को पटरी पर लाने के लिए कई प्रयासो की घोषणा की। कोर्पोरेट सेक्टर से जुड़़ी उनकी घोषणा के कारण कोर्पोरेट सेक्टर में दिवाली अभी से शुरू हो गई। सूरत के उद्योग को भी इसका लाभ मिलेगा।
सूरत में हालाकि बड़ी कंपनिया कम है, लेकिन इसके बावजूद भी जो कंपनियां है उनका जोश बढ़ेगा। कोर्पोरेट सेक्टर को अभी तक कुल ििमलाकर 35 प्रतिशत टैक्स चुकाना पड़ता था, लेकिन अब 25 प्रतिशत तक हो जाएगा। इससे उनकी बचत होगी और नए व्यापार धंधे खुलेंगे। इसके अलााव 1 अक्टूबर से सूरत को साड़ी का मैन्युफैक्चरिंग का गढ़ है। यहां पर कुछ यूनिट इसका लाभ ले पाएगे। हालाकि उद्यमियों का मानना है कि इस निर्णय के कारण जो उद्यमी निराश हो चुके थे उन्हें जरूर राहत मिलेगी। नियमों की उदासीनता के कारण लोगों ने नए यूनिट शुरु करने के प्रयास छोड़ दिए थे, लेकिन अब वह इस दिशा में सोचेंगे। कपड़़ा उद्यमी संजय सरावगी का कहना है कि इस निर्णय से सूरत के उद्योगो को भी लाभ मिलेगा। कोर्पोरेट सेक्टर में अब तक कुल 35 प्रतिशत टैक्स चुकाना होता था, जो घटकर 25 होने से अपने आप उद्यमियों में नया जोश आएगा। इसके अलावा पिछले दिनों कई कारणो से कई उद्यमियों ने नए साहस पर रोक लगा दी थी, वह फिर से आगे बढ़ेंगे। यह फैसला तीन महीने पहले आता तो और अच्छा रहता। फैडरेशन ऑफ इंडियन आर्ट सिल्क वीविंग इन्डस्ट्री के चेयरमैन भरत गांधी ने बताया कि सरकार ने कोर्पोरेट सेक्टर का राहत दी है। सूरत में ज्यादातर एमएसएमई सेक्टर के कंपनिया है। हालाकि इसके बावजूद इस फैसले से व्यापार-धंधा बढ़ेगा और लोगों की खरीद शक्ति बढ़ेगी। जैम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के गुजरात रीजन के प्रमुख दिनेश नावडिया ने कहा कि हीरा उद्योग में कोर्पोरेट कल्चर कम है।
Home / Surat / recession- इतनी छूट देखकर उद्यमी बोले, पहले क्यों नहीं दिया!!!