सूरत सिटीजंस काउंसिल ट्रस्ट कई साल से इसके लिए मुहिम चला रहा है। वर्ष 2014 में ट्रस्ट की ओर से उच्च न्यायालय में पीआइएल तथा ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी याचिका दायर की गई थी। इसी कारण वर्ष 2015 से गणेश विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाबों का निर्माण शुरू किया गया। इसके बावजूद तापी नदी में हर साल हजारों प्रतिमाओं का विसर्जन होता रहा। तापी नदी में पूरी तरह प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगे और नदी प्रदूषित होने से बचे, इसको लेकर ट्रस्ट की ओर से इस साल दोबारा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका पर सुनवाई लंबित थी।
सूरत. सूरत के एक हीरा उद्यमी ने अपने घर में हीरे के गणपति बप्पा की स्थापना की है। रफ हीरों से बने गणपति बप्पा की कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है। मूर्ति की स्थापना करने वाले कतारगाम के राजेश पांडव ने बताया कि अफ्रीका के कोंगोन म्यूजियमाइन से यह हीरा 2005 में लाया गया था। यह गणपति बप्पा की प्रतिकृति जैसा है। 27.74 कैरेट के हीरे की ऊंचाई 24.11 और चौड़ाई 16.49 मिलीमीटर है। हीरे का आकार गणपति बप्पा की तरह होने के कारण उन्होंने इसे बेचने के बदले अपने पास रख लिया। पिछले 12 साल से वह गणेश चतुर्थी पर हीरे के गणपति बप्पा की स्थापना कर उनकी पूजा करते हैं। धाॢमक मान्यता के अनुसार गणपति बप्पा की सूंढ दाएं ओर हो तो उसका महत्व बढ़ जाता है। इस हीरे में दाएं और सूंढ होने के कारण इसकी कीमत और बढ़ गई है।