पुलिस के मुताबिक सूरत रेंज के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और आर.आर.सेल को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कामरेज तहसील के खोलवड गांव के रामकृष्ण कॉम्प्लेक्स में वाहन खरीद-बिक्री का काम करने वाला राजू उर्फ राजेश ग्राहकों को नकली आरसी बुक बनाकर देता है। सूचना के आधार पर पुलिस ने छापा मारा और खोलवड रामकृष्ण सोसयाटी निवासी राजेश उर्फ राजू बालू पटेल को हिरासत में लेकर दुकान में जांच की तो टेबल के ड्रॉअर से 38 आरसी बुक बरामद हुई। बारडोली आरटीओ अधिकारी की सहायता से जांच की गई तो सभी आरसी बुक नकली होने की पुष्टि हुई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि सूरत का धर्मेश पटेल नाम का व्यक्ति ऋण नहीं भरने पर जब्त किए वाहनों की जानकारी भेजता था और बारडोली निवासी फिरोज हुसैन भीमला नाम का व्यक्ति वाहनों की आरसी बुक बनाकर देता था। पुलिस ने राजू के जरिए दोनों को फोन करवा कर कामरेज बुलाया और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।पुलिस ने धर्मेश से भी 28 नकली आरसी जब्त की। फिरोज ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह नडिय़ाद निवासी मुनीरअली महेबूब अली सैयद के पास नकली आरसी बुक बनाता था। पुलिस ने मुनीरअली को वांछित घोषित किया है।
वाहनों की नकली आरसी बनाकर होती थी बिक्री
पुलिस ने बताया कि न्यू रांदेर रोड की शिवओमनगर सोसायटी निवासी धर्मेश महेश पटेल अलग-अलग बैंकों की वाहन ऋण रिकवरी एजेंसी चलाता है। किस्ते भरने में विफल रहे लोगों से वह वाहन जब्त कर लेता था। बाद में वाहन का जानकारी राजेश उर्फ राजू को भेजता और राजू बारडोली निवासी फिरोज को जानकारी भेजता और फिरोज नडिय़ाद निवासी मुनीरअली से नकली आरसी बनवाता था। आरसी बन जाने के बाद धर्मेश जब्त वाहन अन्य पार्टी को बेच देता और नकली आरसी के जरिए उस व्यक्ति के नाम पर वाहन ट्रांसफर कर देता था।
4000 से 4500 रुपए में बनाता था नकली आरसी
जांच में खुलासा हुआ है कि राजू नकली आरसी बनाने के लिए धर्मेश तथा अन्य ग्राहकों से 4000 से 4500 रुपए लेता था। इसमें से 2500 रुपए नडिय़ाद के मुनीरअली को देते थे और बचे दो हजार में से राजू और फिरोज दोनों एक-एक हजार रुपए बांट लेते थे।