मनपा आयुक्त बंछानिधि पाणि ने बताया कि सूरत में कोरोना मरीजों की रिकवरी दर में राज्य और देश में सर्वाधिक 91.9 प्रतिशत पर पहुंच गई है। नवरात्रि के दौरान प्रशासन ने बड़े आयोजनों पर रोक लगाकर कोरोना को रोकने की योजना बनाई है, लेकिन शहरवासियों को साथ में कोरोना पर लगाम लगाने के लिए जागरूक रहकर सरकार की गाइडलाइंस का पालन करना होगा। अभी भी अठवा जोन में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे हैं। कतारगाम और वराछा क्षेत्र में भी कोरोना बढ़ा है। नवरात्रि के पहले घर से बाहर निकलने वाले कई लोगों में कोरोना का संक्रमण बढ़ा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार 170 से 180 के बीच कोरोना मरीज मिल रहे हैं।
अस्पताल में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या भी कुछ दिनों से बढ़ी है। नवरात्रि के नौ दिन दुर्गा माता की पूजा-आरती करने के लिए प्रशासन ने अनुमति दी है। लेकिन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से ही कोरोना अटकेगा। आसपास के लोगों और सोसायटी में 200 लोगों तक छोटे आयोजनों के दौरान भी सेनेटाइजर, हैंडवॉश, मास्क, छह गज की दूरी समेत दूसरी गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य है।
अठवा में रोज 40, कतारगाम-वराछा में 20 से अधिक केस शहर में कोरोना मरीजों का हाल में हॉट स्पॉट अठवा जोन बना हुआ है। यहां अब तक सर्वाधिक 4559 कोरोना मरीज मिले हैं। पिछले काफी समय से अठवा क्षेत्र में प्रतिदिन 35 से 40 कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। दूसरे नम्बर पर कतारगाम है, जहां अब तक 4235 कोरोना मरीज मिले हैं। कतारगाम में रोजाना 28 से 33 मरीज मिल रहे है। रांदेर जोन में 3690, वराछा-ए जोन में 2791, लिम्बायत जोन में 2654, सेंट्रल जोन में 2436, वराछा-बी जोन में 2212, उधना जोन में 2066 कोरोना मरीज मिले हैं। रांदेर और वराछा दो विस्तार में प्रतिदिन 20 से 25 केस आ रहे है।
ऑक्सीजन कमी वाले मरीज बढ़े : डॉ. वसावा न्यू सिविल अस्पताल में 11 अक्टूबर को भर्ती कोरोना मरीजों की संख्या घटकर 87 हो गई थी, लेकिन तीन दिन बाद ही फिर संख्या सौ के पार हो गई। रविवार को न्यू सिविल अस्पताल में 106 पॉजिटिव भर्ती हैं। इसमें 55 मरीज ऑक्सीजन, 17 मरीज बाइपेप, 5 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। स्मीमेर अस्पताल में 41 कोरोना पॉजिटिव भर्ती है। इसमें ऑक्सीजन पर 20, बाइपेप पर 13 और वेंटिलेटर पर एक मरीज है। मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और रीजन कोरोना नोडल ऑफिसर डॉ. अश्विन वसावा ने बताया कि फिर से मरीज सौ के पार हो गए है। ऑक्सीजन की कमी वाले मरीज भी ज्यादा आने लगे हैं। शहरवासियों को अभी भी कोरोना से बचने के लिए गाइडलाइंस का पालन करना ही होगा। हल्के लक्षण होने पर तुरंत इलाज के लिए पहुंचे ताकि ऑक्सीजन की कमी से पहले मरीज का इलाज शुरू होना चाहिए।