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सूरत

श्राद्धपक्ष चालू, नदी किनारे तर्पण

गणेशोत्सव की पूर्णाहुति

सूरतSep 24, 2018 / 07:59 pm

Dinesh Bhardwaj

patrika

श्राद्धपक्ष चालू, नदी किनारे तर्पण

सिलवासा. गणेशोत्सव की पूर्णाहुति के बाद सोमवार से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई। यजमानों ने मंदिर और दमणगंगा किनारे पूर्णिमा का पहला श्राद्धकर्म किया। लवाछा महादेव, बिन्द्राबीन रामेश्वम् तथा आमली गायत्री मंदिर में यजमानों ने पंडितों की उपस्थिति में पितरों को तर्पण किया। श्राद्धकर्म के बाद गाय एवं कौओं को प्रसाद परोसा गया।
श्राद्धकर्म करने से पूर्व यजमानों लवाछा में दमणगंगा नदी में स्नान के बाद शिवलिंग व पीपल पूजा की। लवाछा रामेश्वर मंदिर में यजमानों ने पितरों का आहवान करके जल तर्पण किया। श्राद्धपक्ष में शुभ मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई है। नदी किनारे व मंदिरों में पितृ पूजा, सत्यानारायण भगवान की कथा श्राद्धपक्ष में उत्तम मानी गई है। इस अवधि में पीपल पूजा, पितरो को पिंडदान, गायों की रक्षा, जीव जंतुओं की सेवा पुण्यकारी मानी जाती हैं। पंडित विपुल महाराज ने बताया कि श्राद्धपक्ष में पहला, अष्टमी और अमावस्या का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। अमावस्या का सार्वभौमिक श्राद्ध 9 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन 10 अक्टूबर से नवरात्र आरम्भ होंगे। नवरात्र में 18 अक्टूबर को नवमी एवं19 अक्टूबर को विजयादशमी मनाई जाएगी। नवरात्र की प्रतिपदा व द्वितीया तिथि साथ में आ रही है।
विसर्जन कुंड प्रतिमाओं से अटा


दमणगंगा रिवरफ्रंट पर गणपति प्रतिमा विसर्जन के लिए बनाए गए कुण्ड में कई प्रतिमाएं अनंत चतुर्दशी के मौके पर विसर्जन के बाद अस्त-व्यस्त हालत में पड़ी है। इनमें ज्यादातर प्रतिमाएं पीओपी निर्मित है और वे खंडित अवस्था में कुंड में पड़ी है।
मिट्टी की प्रतिमाएं कुछ समय बाद गलकर पानी के साथ प्रवाहित हो जाती है लेकिन पीओपी की मुर्तियों के लिए यह संभव नहीं है। विसर्जन कुण्ड पीओपी की खंडित मुर्तियों से भर गया है। इन खंडित मुर्तियों को कुण्ड से निकालकर कहां रखा जाए, यह प्रशासन के लिए टेढ़ा सवाल बन गया है। गणेश उत्सव में दो हजार से अधिक मुर्तियों को कुण्ड में विसर्जन हुआ। बड़ी मुर्तियां कुण्ड में बड़ी मुश्किल से पानी में विसर्जित की गई। इन मुर्तियों पर प्राकृतिक रंग की बजाय कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया गया, जिससे विसर्जन कुण्ड का पूरा पानी खराब हो गया।
भजन संध्या आज


शांतिनाथ नवयुवक मित्र मंडल ने पीर शांतिनाथ महाराज की पुण्यतिथि पर मंगलवार रात भजन संध्या आयोजित की जाएगी। भजन संध्या में राजस्थान से चुन्नीलाल राजपुरोहित व नूतन गहलोत आदि कलाकार भजनों की प्रस्तुति देंगे। टोकरखाड़ा भुरकुड़ फलिया श्री समर्थ रणुजा धाम में आयोजित भजन संध्या के बाद बुधवार को प्रसादी होगी।

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