रोजगार का पर्याय बन चुके सूरत में अकेली रहकर नौकरी कर रही महिलाओं के लिए वुमन हॉस्टल की जरूरत कई साल से महसूस की जा रही थी। शहर में अकेली रह रही महिलाओं को अब तक या तो कहीं पेइंग गेस्ट बनकर रहना पड़ रहा है या निजी महिला हॉस्टल में रहकर नौकरी या आगे की पढ़ाई पूरी करनी पड़ रही है। कुछ महिलाएं या छात्राएं किराए पर कमरे लेकर भी रह रही हैं। तेजी से विकसित हो रहे शहर में अकेली कामकाजी महिलाओं के हॉस्टल की जरूरत अब पूरी होने को है।
केंद्र सरकार ने देशभर में वर्किंग वुमन हॉस्टल बनाने का निर्णय किया है। इसके तहत गुजरात का पहला प्रोजेक्ट सूरत के हिस्से आया है। तेजी से विकसित हो रहे शहर में महिलाओं के लिए नौकरी के नए दरवाजे खुले हैं, साथ ही आसपास के क्षेत्रों से पढ़ाई के लिए सूरत आने वाली छात्राओं की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद शहर में अकेली रह रही महिलाओं की छत की जरूरत पूरी हो जाएगी।
अब पूरा होगा सपना वर्किंग वूमन के लिए हॉस्टल पर कवायद मनपा प्रशासन ने काफी पहले शुरू कर दी थी। लंबा समय जगह के चयन में निकल गया। जददोजहद के बाद जब यह तय हुआ कि हॉस्टल वेस्ट जोन में बनाया जाएगा, उसके बाद मनपा प्रशासन विधिवत तरीके से इस पर आगे बढ़ा। प्रदेश का पहला प्रोजेक्ट होने के कारण मनपा प्रशासन ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए डीपीआर और फिर वर्क ऑर्डर तक कदम फूंक-फंूक कर रखे।
अडाजण में बनेगा हॉस्टल का निर्माण अडाजण के परशुराम गार्डन के समीप होना है। 2500 वर्गफीट क्षेत्र में प्रस्तावित महिला हॉस्टल के निर्माण पर 4.9 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें 75 फीसदी अनुदान केंद्र सरकार देगी और शेष 25 फीसदी मनपा वहन करेगी।