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सूरत

वेटिंग लिस्ट की आस बाकी

मनपा बनाएगी पांच हजार नए आवास, पुराने खाली आवासों से भी हो सकता है आवंटन

सूरतFeb 11, 2018 / 02:26 pm

विनीत शर्मा

patrika
सूरत. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वेटिंग लिस्ट में रह गए आवेदकों को निराश होने की जरूरत नहीं है। मनपा जहां पांच हजार नए आवास बनाने जा रही है, मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत खाली रह गए आवासों को भी वेटिंग लिस्ट के आवेदकों को आवंटित कर सकती है। इसके अलावा हालिया सूची में आवास लेने वाले लोगों के योजना से निकल जाने पर खाली हुई जगह भी वेटिंग लिस्ट से ही भरी जानी है।
मनपा प्रशासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आठ हजार से अधिक आवासों का निर्माण कराया था। इनके लिए करीब २७ हजार लोगों ने आवेदन किया था। स्क्रूटनी के बाद पिछले दिनों हुए आवंटन में हजारों लोग ऐसे रह गए, जिनका ड्रॉ में नंबर नहीं लगा। ड्रॉ के बाद मनपा ने ऐसे लोगों की सूची भी जारी की, जिन्हें वेटिंग लिस्ट में रखा गया है।

लोगों में निराशा का भाव


मुख्यमंत्री आवास योजना की सफलता के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना को बेहतर रिस्पांस मिला था। जिन लोगों ने आवास के लिए फार्म भरा था, उन्हें उम्मीद थी कि इस बार उनका भी नंबर लग ही जाएगा। वेटिंग लिस्ट मेंं नाम आने के बाद उनमें से अधिकांश लोगों में निराशा का भाव है।

मनपा तलाशेगी रास्ता


मनपा के हाउसिंग विभाग की मानें तो प्रशासन सभी को आवास देना चाहता है। जिन लोगों को आवास नहीं मिले, उनके लिए रास्ता तलाशने की कोशिश शुरू होनी है। मनपा आगामी दिनों में पांच हजार नए आवास बनाने जा रही है। पदाधिकारियों और बड़े अधिकारियों से बात कर प्रयास किया जाएगा कि उस योजना में वेटिंग में रह गए लोगों को आवास आवंटित कर दिए जाएं। इसके अलावा जिन लोगों को आवास आवंटित हुए हैं, उन्हें १५ मार्च तक पहली किश्त जमा करनी है। नियत समय तक जिनकी पहली किश्त नहीं आती, उनके आवंटन रद्द कर वेटिंग लिस्ट को प्राथमिकता दी जाएगी।

खाली हैं मुख्यमंत्री आवास योजना के घर


मनपा ने इससे पहले मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ईडब्ल्यूएस और एलआईजी आवासों का निर्माण कराया था। उसमें से भी कई आवास किश्त न भरी जाने के कारण खाली पड़े हैं। मनपा प्रशासन इस विकल्प पर भी विचार कर रहा है कि वेटिंग लिस्ट के आवेदकों से सहमति लेकर मुख्यमंत्री योजना के खाली आवासों को उन्हें आवंटित कर दिया जाए। इसमें एक पेंच है, जिसे सुलझाया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बने आवासों की कीमत प्रधानमंत्री आवास योजना से अधिक है। ऐसे में रकम के इस अंतर को किस तरह पाटा जाए, इसका फार्मूला मनपा को खोजना होगा।

कांग्रेस की पहल पर शुरू हुई आवास योजना


प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास योजना को शुरू कराने का श्रेय कांग्रेस के खाते जाता है। विधानसभा २०१२ के चुनावों के दौरान सत्ता में वापसी के लिए बेचैन कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में हर व्यक्ति के लिए अपने घर का सपना दिखाया था। कांग्रेस ने इसे घर नुं घर का नाम दिया था और पार्टी दफ्तर पर बाकायदा लोगों का पंजीकरण भी शुरू कर दिया था। इस अभियान को लेकर लोगों का जबरदस्त रिस्पांस मिला और चुनाव के दौरान ही घर के फार्म के लिए कांग्रेस दफ्तरों के बाहर लंबी कतारें लगने लगी थीं। इसे देख तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री आवास योजना का ऐलान कर दिया और लोगों को सस्ते मकान देने का वादा किया था। उसके बाद से ही पहले प्रदेश में और फिर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देशभर में आम आदमी को सस्ती दर पर मकान देने का सिलसिला शुरू हुआ।
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