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सूरत

SMC :कक्षा दो के बच्चों को पढऩा-लिखना सिखाने का चौथा प्रयास भी नाकाम

फोलो अप :18 हजार से अधिक विद्यार्थियों में से सिर्फ 150 को लेकर चल रहा है समय दान प्रोजेक्ट

सूरतMay 20, 2019 / 08:13 pm

Divyesh Kumar Sondarva

SURAT

SMC :कक्षा दो के बच्चों को पढऩा-लिखना सिखाने का चौथा प्रयास भी नाकाम

सूरत.

राज्य के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा दो के विद्यार्थियों को कक्षा तीन के योग्य बनाने के लिए राज्य शिक्षा विभाग का एक और प्रयास विफल होता नजर आ रहा है। वेकेशन के दौरान शिक्षकों से इन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए समय दान मांगा गया था। वेकेशन के कारण गिनती के विद्यार्थी स्कूल में पढऩे आ रहे हैं। सूरत महानगर पालिका संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के 18 हजार विद्यार्थियों के मुकाबले शिक्षक मात्र 150 विद्यार्थियों को पढऩा-लिखना और गिनती करना सिखा रहे हैं।
राज्य शिक्षा विभाग ने वर्ष 2018 में राज्य के सभी सरकारी स्कूलों का मूल्यांकन करवाया था। इसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को लिखना, पढऩा और सामान्य गिनती तक नहीं आती। कक्षा दो के विद्यार्थी ज्यादा कमजोर पाए गए थे। सूरत महानगर पालिका संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के स्कूलों को भी इस मूल्यांकन में शामिल किया गया था। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों को विद्यार्थियों को पढऩा-लिखना और गिनना सिखाने का आदेश दिया। शैक्षणिक सत्र 2018-19 में तीन बार कक्षा दो के विद्यार्थियों को पढऩा-लिखना और गिनती सिखाने का प्रयास किया गया, लेकिन ज्यादा सुधार नजर नहीं आया। सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के स्कूलों में दूसरे मूल्यांकन में 18 हजार में से नौ हजार विद्यार्थी ही 100 प्रतिशत परिणाम प्राप्त कर पाए। 6 हजार से अधिक का परिणाम 50 से 90 प्रतिशत परिणाम तो 3 हजार से अधिक का परिणाम 50 प्रतिशत से कम रहा। इसलिए परीक्षा चलने तक शिक्षकों को प्रयास करने का आदेश दिया गया। इस चक्कर में कक्षा दो के विद्यार्थियों को वेकेशन नहीं दिया गया। शिक्षकों को ही विद्यार्थियों का मूल्यांकन करने का आदेश दिया गया, लेकिन तीसरी बार का परिणाम भी संतोषजनक नहीं रहा। बाद में वेकेशन के दौरान शिक्षकों से कक्षा दो के विद्यार्थियों को स्कूल लाकर समय दान की अपील की गई। शिक्षकों ने घर-घर जाकर विद्यार्थियों को स्कूल लाने का प्रयास शुरू किया, लेकिन 18 हजार के मुकाबले गिनती के विद्यार्थियों को स्कूल लाने में सफल हो पाए। नगर प्राथमिक शिक्षा समिति के 332 स्कूलों में से मात्र 13 में ही समय दान प्रोजेक्ट शुरू हो पाया है। इसमें मात्र 150 विद्यार्थी स्कूल आ रहे हैं।
शिक्षकों और यूआरसी का कहना है कि शिक्षा विभाग की ओर से समय दान का परिपत्र मिलने के बाद शिक्षक और यूआरसी अपने-अपने विस्तार में घर-घर जाकर विद्यार्थियों को स्कूल तक लाने के प्रयास में जुट गए, लेकिन वेकेशन के कारण आधे से ज्यादा विद्यार्थी बाहर गए हुए हैं। समिति स्कूलों में परप्रांतीय विद्यार्थी ज्यादा हैं। इसलिए 150 विद्यार्थी ही मिल पाए हैं।
आधे से ज्यादा को नहीं मिल पाए पूरे अंक
समिति स्कूलों में कक्षा दो के 18,231 विद्यार्थी हैं। दूसरी बार इन विद्यार्थियों के मूल्यांकन में आधे विद्यार्थी ही पढऩे-लिखने और गिनती करने में पूरे अंक हासिल कर पाए थे। 9089 विद्यार्थियों को पढऩे-लिखने और गिनती में पूरे अंक मिले। 1777 विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत से अधिक, 1848 को 80 प्रतिशत से अधिक तो 1988 को 60 प्रतिशत से अधिक अंक मिले। 3529 विद्यार्थियों को 50 प्रतिशत से कम अंक मिले।

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