दहेज की रसायन कंपनी में धमाका, आठ की मौत
केमिकल प्लांट में हादसे के बाद पास के दो गांवों के निवासियों को प्रशासन की ओर से सुरक्षित जगह पर भेजने की बात कही जा रही है। प्लांट में इंडस्ट्रियल यूज के लिए 15 से अधिक केमिकल का उत्पादन होता है। केमिकल ब्लास्ट से लगी आग आसपास के क्षेत्रों में जहरीली गैस की वजह बन सकती है। यह गैस लोगों को प्रभावित न करे इसीलिए सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया है।मची चीख-पुकार
हादसे के तुरंत बाद कंपनी में जहां एक ओर अफरा-तफरी मच गई, घायलों की चीख-पुकार से लोगों के दिल दहल गए। जबतक दमकल पहुंची, कंपनी में मौजूद दूसरे स्टाफ ने रेस्क्यू के भरसक प्रयास किए, लेकिन सफल नहीं हो पाए। अस्पताल में भी घायलों और मृतकों के मित्र-परिजनों की भीड़ मौजूद रही। कंपनी में किसी तरह के विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिस ने भी कंपनी और उसके आसपास अपनी चौकसी बढ़ा दी है।तड़पते रहे कर्मचारी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसे की सूचना के बाद एंबुलेंस देरी से पहुंची। इस कारण आग में झुलसे कर्मचारी काफी देर तक तड़पते रहे। केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद कई कर्मचारियों ने बाहर भागकर अपनी जान बचाई। एंबुलेंस के देरी से पहुंचने पर मौके पर मौजूद अन्य कर्मचारियों में खासा रोष रहा।सुरक्षा इंतजामों पर उठाए सवाल
उद्योगों में औद्योगिक सुरक्षा को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं। बुधवार को हुए हादसे ने एक बार फिर इन सवालों को जिंदा कर दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी प्रबंधन ने आपदा से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। केमिकल प्रोसेसिंग के दौरान जिस तरह के सुरक्षा उपाय किए जाने चाहिए, उनमें खामी के कारण ही हादसा हुआ है। हालांकि जांच के बाद ही हादसे की सही वजह सामने आ पाएगी।मुआवजे की मांग
हादसे के मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की मांग उठने लगी है। लोगों ने कंपनी प्रबंधन से मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही घायलों को भी लंबे समय तक घर बैठना पड़ सकता है। इस दौरान परिवार के भरण-पोषण के लिए मुआवजे की मांग की है। कंपनी में काम कर रहे श्रमिकों ने भी दबी जुबान पीडि़तों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। श्रम कानून के तहत मुआवजे की मांग कर रहे लोगों के मुताबिक पीडि़त पक्ष सामने आया तो मामले को श्रम विभाग तक ले जा सकते हैं।