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सूरत

सोनल की विदाई ने गिरिजा को किया उदास

दो शेरनियों की प्रेमकहानी

सूरतJun 17, 2019 / 07:50 pm

Dinesh Bhardwaj

patrika

सोनल की विदाई ने गिरिजा को किया उदास

सिलवासा. संघ प्रदेश दादरा नगर हवेली के सिलवासा की लॉयन सफारी में मादा शेरनी सोनल की चिरविदाई के बाद उसकी साथी गिरिजा उदास सी रहने लगी है। मादा गिरिजा जंगल में सोनल का साथ पाने के लिए दिनभर लॉयन सफारी में यहां-वहां घूमती रहती है और बाद में निराश होकर थककर पेड़ की छांव में बैठ जाती है।
लॉयन सफारी के कर्मचारी किशन माहला ने बताया कि सोनल के मरने के बाद गिरिजा की दहाड़ भी सुनाई नहीं देती है। पहले जंगल में पक्षियों को देखकर गिरिजा तेज छलांग लगाती थी। सारे दिन उछल-कूद करने वाली गिरिजा जंगल में अब मायूसी से रहने लगी है। हालांकि लॉयन सफारी के प्रति पर्यटकों का मोह कम नहीं हुआ है और वे अब गिरिजा को देखने आते है। लॉयन सफारी में एक वर्ष पहले नर शेर महीन की मौत हो गई थी और दोनों शेरनी गिरिजा व सोनल इससे उदास हो गई थी। ऐसे में अब सोनल के चले जाने से गिरिजा टूट चुकी है, वह जीवित रहते हुए भी मृत जैसी जिंदगी काट रही हैं। 11 वर्षीय युवा गिरिजा पहले नर शेर महीन के संग खुले मन से जंगल में घूमती थी। महीन की मौत के बाद जैसे-तैसे संभली गिरिजा अब सोनल की मौत से सदमे में हैं। वह जंगल पेड़ के नीचे या सूनसान जगह पानी किनारे सुस्त बैठी दिख जाती है। वन्यजीव अधिकारी विजय पटेल ने बताया कि लॉयन सफारी में दो नए शेर लाने की योजना है। यहां गिरिजा को महीन के साथ वर्ष 2015 में लाया गया था। लॉयन सफारी की स्थापना वर्ष 2003 में एशियाटिक नर शेर कुश व मादा शेरनी सोनल व शिल्की के साथ की गई थी। थोड़े दिनों बाद कुश और शिल्की अकाल मौत के शिकार हो गए। कुश और शिल्की की मौत के बाद गुजरात से धर्म नामक एशियाटिक शेर लाया गया, लेकिन वह भी ज्यादा दिन जीवित नहीं रह सका। वर्ष 2015 में सोनल को महीन और गिरिजा का साथ मिला था।

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