पिछले कई दिनों से शहर की हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। सुबह 05:30 से 09:30 तक हवा में काफी प्रदूषण रहता है। सुबह यह आंकड़ा 300 से 350 तक रहता है। इसलिए स्वच्छ हवा की जगह सांसो में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा पहुंचती है। शहर के सभी क्षेत्रों में लोग सुबह रास्तों और बगीचों में चलते नजर आते है। सर्दी के मौसम में खुद को स्वच्छ हवा से तंदुरस्त रखने के उदेश्य से लोग चलने निकलते हैं। लेकिन उन्हें पता नहीं की स्वच्छ हवा की जगह प्रदूषण उनक सांसो में जा रहा है। कोहरे की जगह प्रदूषण वातावरण में फैला हुआ है।
सूरत महानगर पालिका ने शहर में प्रदूषण का स्तर मापने के लिए लिंबायत और वराछा जोन क्षेत्र में दो एयर मॉनिटरिंग मशीन लगा रखी हंै। इनके आधार पर शहर के वातावरण में फैलने वाले वायु प्रदूषण की मात्रा को नापा जाता है। शहर के सभी विस्तार प्रदूषण की चपेट में हैं। इन मशीनों के आधार पर शहर में फैल रहे प्रदूषण की मात्रा का अंदाजा लगाया जाता है। शहर के आसपास जीआइडीसी है, इसका असर सभी क्षेत्रों हो रहा हैं।
लिम्बायत के पास उधना, भेस्तान, गोडादरा, पांडेसरा विस्तार है। इन विस्तारों के साथ भटार, सिटीलाइट और घोड़दौड़ रोड जुड़ जाते हैं। उधना के पास रुस्तमपुरा, सलाबतपुरा, चौक आदि विस्तार जुड़ जाते हैं। लिम्बायत में लगी मशीन के अनुसार हवा में सुबह से लेकर रात तक प्रदूषण की मात्रा 215 से लेकर 390 तक पहुंच जाती है। इसका असर आसपास के क्षेत्रों में भी महसूस किया जाता है। वराछा में लगी मशीन का आंकड़ा को 400 के पार हो जाता है। इसलिए यहां आसपास रहने वाले लोगों पर प्रदूषण का और भी अधिक असर होता है।
वराछा के आसपास हालात होते जा रहे खतरनाक
वराछा जोन में भी मनपा ने मॉनिटरिंग सिस्टम लगा रखा है। इस विस्तार के आसपास स्टेशन, कतारगाम, कापोद्रा, वेडरोड व अन्य कई विस्तार जुड़े हुए हंै। यहां दोपहर को 12 बजे से हवा में प्रदूषण की मात्रा 333 तक पहुंच जाती है। एक्यूआई की मात्रा फिर कम नहीं होती है। यह प्रतिघंटे बढ़ती ही जाती है। दोपहर 12:30 को 333, 01:30 को 308, 02:30 को 307, 03:30 को 303, 04:30 को 275, 05:30 को 308 देखते देखते रात के 10:30 बजे तक प्रदूषण की मात्रा 411 तक पहुंच जाती है। लगातार दिन के 12 घंटे प्रदूषण की मात्रा 300 के उपर ही दर्ज हो रही है।