surat news-जीएसटी के बाद अब तक बड़ी संख्या में श्रमिकों को गंवानी पड़ी नौकरी…
ज्यादतार व्यापारियों ने औसतन अपने यहां काम करने वालों में 20 प्रतिशत की छंटनी कर दी
surat news-जीएसटी के बाद अब तक बड़ी संख्या में श्रमिकों को गंवानी पड़ी नौकरी…
सूरत
जीएसटी लगाने के पीछे भले ही केन्द्र सरकार की मंशा विकास की हो, लेकिन अभी तक तो सूरत के कपड़ा उद्योग के लिए यह बेइमानी लग रहा है। जीएसटी के कारण यहां का कपड़ा व्यापार घट जाने से व्यापारियों ने भी श्रमिकों की छंटनी शुरू की है। ज्यादतार व्यापारियों ने औसतन अपने यहां काम करने वालों में 20 प्रतिशत की छंटनी कर दी है।
कपड़ा बाजार में यह समस्या जानने के लिए आदर्श मार्केट के एक व्यापारी रिंकेश लालवाणी से बात की तो उन्होंने बताया कि दो साल पहले जीएसटी लागू होने के बाद से कपड़ा बाजार में दिक्कत की शुरूआत हो गई। न जाने ऐसा क्या हुआ कि सूरत से बिकने वाला माल कम जाने लगा। सालाना टर्न ओवर घट गया। व्यापार घट जाने के कारण स्वाभाविक है कि हमें खर्च घटाना पड़ा। इसके फल स्वरूप हमने श्रमिकों की संख्या कम कर दी। एक श्रमिक को औसतन दस हजार या उससे अधिक वेतन दिया जाता है। ऐसे में हमारे लिए अस्तित्व बचाए रखने के लिए खर्च कम करना जरूरी हो गया था। जीएसटी के पहले मेरे यहां पांच श्रमिक थे, लेकिन अब तीन हैं। यह श्रमिक यूपी,बिहार, छत्तीसगढ आदि राज्यों के हैं, जो कि इसी के सहारे वहन करते हैं, लेकिन अब वह कहां हैं यह नहीं पता। हालाकि हमें व्यापार अच्छा चलने की उम्मीद है। इसी तरह से अन्य एक व्यापारी अशोक लीलवाणी ने बताया कि जीएसटी के कारण व्यापार नियमानुसार हो गया है, लेकिन फिलहाल कपड़ा व्यापार पर असर पड़ा है। जीएसटी के बाद सूरत की मंडी से नकद का व्यापार कम हो गया है। कपड़ों का उत्पादन कम हो गया है। कई व्यापारियों ने व्यवसाय बदल दिया है, लेकिन सबसे बड़ी श्रमिको कपड़ा बाजार से दो वक्त की कमार्ई करने वालों को हो रही है। व्यापार घटने के कारण कई व्यापारियों ने श्रमिकों को कम कर दिया है। काम नहीं होने के कारण अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा था। पहले हमारे यहां 20 से अधिक श्रमिक थे, अब 15 रह गए हैं। हालाकि अब व्यापार पटरी पर आने की उम्मीद है।