surat news-लो फिर से सूरत के कपड़ा उद्यमियों के करोड़ो के ऑर्डर रद्द हुए…..
सूरतPublished: Aug 17, 2019 09:01:17 pm
दिवाली की खरीद पर असर पडऩे का आसार
surat news-लो फिर से सूरत के कपड़ा उद्यमियों के करोड़ो के ऑर्डर रद्द हुए…..
सूरत
कपड़ा बाजार में पिछले दिनों कमजोर खरीद के कारण निराश व्यापारियों को दुर्गापूजा और दिवाली पर अच्छा व्यापार रहने की उम्मीद थी, लेकिन कई राज्यों में तेज बारिश के कारण कपड़ा व्यापार बुरी तरह से बाधित हो रहा है। व्यापारियों को आशंका है कि बारिश का कहर नहीं रुका तो बाढ़ पीडित राज्यों में 40 प्रतिशत से अधिक व्यापार चौपट हो जाएगा।
सूरत की साड़ी और ड्रेस मटीरियस देश के हर कोने में बिकते हैं। इन दिनों त्यौहारों का सीजन होने के कारण सभी राज्यों में से कम, मध्यम और ज्यादा कीमत वाले तमाम प्रकार के कपड़ों की मांग है। पिछले दिनों रमजान ईद और रक्षाबंधन की खरीद अपेक्षा से कम रहने के कारण व्यापारियों को ओणम, दुर्गापूजा और दिवाली पर उम्मीद है, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली के कुछ हिस्सों में तेज बारिश के कारण बाढ आने से वहां की मंडियों को भारी नुकसान पहुंचा है। कई दुकानों में पानी भर जाने के कारण भारी नुकसान हुआ है। वहां के कई व्यापारियों ने पानी की संभावना देखते हुए पहले ही ऑर्डर केन्सल करने के लिए कह दिया था। अब परिस्थिति सामान्य होने के बाद ही व्यापार शुरू हो पाएगा, लेकिन जिस तरह से नुकसान हुआ है वह डेढ़-दो महीने के बाद ही व्यापार ठीक हो पाएगा।
कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद पहले से ही व्यापार कम हो गया है। ऐसे में त्यौहारों में कुछ कमाने की उम्मीद रहती है, इस साल पहले बारिश कम होने की आशंका थी, लेकिन इसके बाद क्रमश: बिहार, यूपी, असम, में बाढ की परिस्थिति से नुकसान हुआ और अब राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में बाढ आने से ऑर्डर रद्द हो रहे हैं।
व्यापार प्रभावित हो रहा
राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में बाढ के कारण वहां जाने वाले माल रुक गए हैं। वहां के व्यापारियों के ऑर्डर रद्द होने की आशंका है। हालाकि पानी उतरने के बाद व्यापार की उम्मीद है।
सुनील जैन, व्यापारी
व्यापारी चिंतित
इस साल रमजान ईद और रक्षाबंधन की खरीद भी अपेक्षा से कम रही है। व्यापारियों को आगामी त्यौहारों से उम्मीद थी, लेकिन बारिश के कारण उस पर पानी फिर गया है। पहले से ही व्यापारी आर्थिक तरलता की कमी से परेशान है, अब समस्या और बढ़ जाएगी।
कमलेश कोठारी, व्यापारी