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Surat News स्वचालित एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट वैन उधना पहुंची

अब दुर्घटनास्थल पर प्राथमिक उपचार से लेकर ऑपरेशन तक की सुविधा

सूरतJul 11, 2019 / 09:58 pm

Sanjeev Kumar Singh

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Surat News Automatic Accident Relief Medical Equipment Vandhana reacheस्वचालित एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट वैन उधना पहुंची

सूरत.

ट्रेन दुर्घटना के बाद त्वरित कार्रवाई के लिए पश्चिम रेलवे में पहली स्वचालित एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट वैन (एआरएमइ) मंगलवार देर रात अहमदाबाद से उधना स्टेशन पहुंची। यह एआरएमइ दुर्घटनास्थल पर बिना इंजन लगाए तुरंत रवाना हो सकेगी और मौके पर प्राथमिक उपचार से ऑपरेशन तक की सुविधा मिल सकेगी।
रेल दुर्घटना के प्रभावितों तक तुरंत राहत पहुंचाई जाए, सरकार इसके लिए व्यवस्था में बदलाव कर रही है। इसी क्रम में कपूरथला आइएफसी कारखाने में स्वचालित एक्सिडेंट रिलिफ मेडिकल इक्विपमेंट वैन तैयार की गई है। वैन को फिलहाल उधना रेलवे यार्ड में रखा गया है। इसकी कमिशनिंग के लिए मुम्बई मंडल तथा पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश का इंतजार है।
मुम्बई-नई दिल्ली और अहमदाबाद के बीच मुख्य मेन लाइन पर सूरत ए 1 ग्रेड का स्टेशन है। उधना, वलसाड और वडोदरा में एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट वैन का मुख्यालय है। उधना में पुरानी एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल इक्विपमेंट वैन भी है। उस ट्रेन के उपकरण को नई ट्रेन में शिफ्ट करने के बाद यह वैन पूरी तरह तैयार हो जाएगी।
सूरत स्टेशन निदेशक सी.आर. गरूड़ा ने बताया कि इस वैन में घायलों के प्राथमिक उपचार से लेकर ऑपरेशन तक की सुविधा उपलब्ध होगी। निर्देश मिलने के कुछ देर बाद ही यह वैन घटनास्थल के लिए रवाना हो जाएगी। फिलहाल उपलब्ध एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल वैन को रवाना करने में बीस मिनट का समय लगता है। यह ट्रेन उससे कम समय में मेडिकल स्टाफ के स्टेशन पहुंचते ही घटनास्थल के लिए रवाना हो जाएगी।

दोनों दिशाओं से चलने में सक्षम

उधना स्टेशन पर पहले से मौजूद एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल वैन को कहीं भेजने से पहले उसे तैयार करने के लिए इलेक्ट्रिक या डीजल इंजन की जरूरत होती है। कई बार स्टेशन पर इंजन नहीं होने पर इसे दूसरे स्टेशन से मंगवाना पड़ता है। स्वचालित एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल वैन में तीन डिब्बे हैं। दोनों तरफ के डिब्बों में ड्राइवर के बैठने की जगह है। यानी इसे दोनों दिशाओं से चलाया जा सकता है। बीच का डिब्बा वातानुकूलित है। इसमें चिकित्सक के बैठने की जगह तथा आधुनिक साधनों से लैस ऑपरेशन थिएटर है।
कर्मचारियों पर नहीं गिरेगी बिजली

सूत्रों ने बताया कि रेल दुर्घटना की खबर मिलते ही सबसे पहले स्टेशन पर लगा हूटर बजता है। इसके बाद एक्सिडेंट रिलीफ मेडिकल वैन को बीस मिनट में स्टेशन से रवाना करने की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर की रहती है। यार्ड में खड़ी एक्सिडेंट रिलीफ वैन को स्टेशन पर लाने के लिए इंजन की व्यवस्था कर रवाना करने में एक मिनट की भी देर होने पर रेल कर्मचारी को चार्जशीट जारी कर दी जाती है। अधिकारियों ने बताया कि स्वचालित एक्सिडेंट रिलीफ वैन को जल्दी रवाना कर देने से रेल कर्मचारियों पर गिरने वाली गाज बंद हो जाएगी।
जल्दी राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी

पश्चिम रेलवे की पहली स्वचालित एआरएमइ मंगलवार रात अहमदाबाद से सूरत पहुंची। इसे उधना शिफ्ट किया गया। इस एआरएमइ से दुर्घटना के समय जल्दी राहत पहुंचाने में मदद मिलेगी।
सी.आर. गरूड़ा, स्टेशन निदेशक, सूरत

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