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surat news बिना नई मशीनों के कैसे बढेगा कपड़ों का निर्यात, सूरत के उद्यमी चिंता में…

कपड़ों का निर्यात बढ़ाने के लिए बढ़ानी पड़ेगी मोर्डन मशीनों की संख्या

सूरतAug 17, 2019 / 09:32 pm

Pradeep Mishra

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surat news बिना नई मशीनों के कैसे बढेगा कपड़ों का निर्यात, सूरत के उद्यमी चिंता में…

सूरत
सूरत में टैक्सटाइल मशीन, टैक्नोलॉजी और आधुनिकीकरण विषय पर आयोजित सेमिनार में टैक्सटाइल एक्सपर्ट ने मॉडर्न मशीनों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
मोढवणिक समस्त पंच की ओर से शनिवार को पाल में मोढवाणिक समाज की नई वाड़ी में आयोजित सेमिनार में एक्सपर्ट का कहना था कि सूरत में हाल पचास हजार मॉडर्न मशीन है। इनसे सालाना 50 हजार करोड़ रुपए का व्यापार मिलता है। इसमें निर्यात का हिस्सा मात्र तीन फीसदी ही है। यदि सूरत के कपड़ा उद्यमियों को व्यापार बढ़ाना हो तो मशीनों की संख्या 1.25 लाख करनी पड़ेगी। मशीन अपग्रेडेशन पर फैडरेशन ऑफ इन्डियन आर्ट सिल्क वीविंग इन्डस्ट्री के चेयरमैन भरत गांधी ने बताया कि सूरत के उद्यमियों को मोर्डनाइजेशन की ओर आगे आना होगा। इस दौर में ब्याज या किराए की आवक पर टिक पाना मुश्किल है। टैक्सटाइल सेक्टर में विकास के लिए उद्यमियों को आगे आना पड़ेगा। वीविंग क्षेत्र में जॉबवर्क बढ़े इस दिशा में प्रयास करना आवश्यक है। सूरत के कपड़ा उद्यमियों को टैक्नोलॉजी पर ध्यान देना होगा। समाज के प्रमुख हसमुख लालवाला ने बताया कि कपड़ा उद्योग में जब भी समस्याएं आई है तब टैक्सटाइल से जुड़ीं संस्थाओं ने सरकार से गुहार लगाकर समाधान निकाला है। इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर के कारण कपड़ा उद्यमियों के 1400 करोड़ रुपए फंस गए थे। मशीन अपग्रेडेशन पर हिमांशु बोडावाला और आशिष गुजराती ने कहा कि लेडिज गारमेन्ट में 30 प्रतिशत मेन मेड फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है। इसका लाभ सीधे सूरत के उद्यमियों को मिलता है। बोडावाला ने कहा कि यदि 2025 तक एक्सपोर्ट का आंकडा दो गुना करना है तो मॉडर्न मशीनों की संख्या 1.25 लाख करनी पड़ेगी। इस अवसर पर वोटरजेट एसोसिएशन के प्रमुख संजय देसाई, कपड़ा उद्यमी धर्मेश पटेल, समीर पटेल, मयूर गोलवाला सहित उद्यमी उपस्थित रहे।

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