-इतने लंबे अंतराल की यह है वजह दिसम्बर के दूसरे पखवाड़े से शुरू होने वाला धनुर्मलमास मकर संक्रांति 14 जनवरी को पूरा होगा और इस अवधि में शुभ प्रसंग बाधित रहेंगे। इसके बाद 19 जनवरी से 11 फरवरी तक गुरु अस्त रहेगा और इसके उदय होने के दस दिन बाद ही 21 फरवरी को शुक्र अस्त हो जाएगा। हालांकि इस दौरान 15 व 16 फरवरी को वैवाहिक सावे रहेंगे। शुक्र तारे का उदय बाद में 16 अप्रेल को होगा और तब तक ज्योतिष मत से मांगलिक कार्यक्रम नहीं हो सकेंगे। पति का स्वामी गुरु व पत्नी का स्वामी शुक्र होने से वैवाहिक आयोजन में इनकी उदय स्थिति बेहद जरूरी मानी जाती है।
-पहले सावों के दौर पर फिर चुका पानी वर्ष की शुरुआत में मकर संक्रांति 14 जनवरी को धनुर्मलमास की समाप्ति हो गई थी और जनवरी तथा फरवरी के 14 वैवाहिक सावों पर खूब नगाड़े-शहनाई की गूंज सुनाई दी, लेकिन इसके बाद मार्च के दो, अप्रेल के तीन, मई के आठ व जून छह समेत कुल 19 वैवाहिक सावों पर सूरत ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोई गिनी-चुनी ही शादियां संभव हो पाई, वह भी आठ से दस जनों की उपिस्थिति के बीच। कोरोना महामारी के चलते 23 मार्च से 31 मई तक लॉकडाउन रहा और इस दौरान बड़ी मुश्किल से वैवाहिक आयोजन संपन्न हो पाए थे और जो हुए भी तो उनमें परिजनों के अलावा अन्य शामिल नहीं हो पाए थे।
-११४ दिन बाद भी 32 वैवाहिक सावे कोरोना महामारी पर अगले वर्ष तक नियंत्रण व वैक्सीन की संभावनाएं प्रबल हो जाती है तो पहले 114 दिन तक वैवाहिक सावे नहीं होने के बाद भी शादियों की धूमधाम मच सकती है। इसकी वजह यह है कि अगले वर्ष मई-जून में बम्पर वैवाहिक सावे है और इस मामले में अप्रेल भी पीछे नहीं रहेगा। 17 अप्रेल को शुक्र उदय होने के बाद 24, 25, 26, 28, 29 व 30 अप्रेल के सावों से चले दौर में मई की 1, 4, 8, 20, 21, 22, 24, 26, 28, 30 व 31 तारीख ही नहीं बल्कि जून की 3, 4, 6, 15, 16, 19, 20, 21, 24, 26 व 28 तारीख भी शामिल है। इसके अलावा जुलाई में देवशयन एकादशी से पहले तक 1, 2, 3 व 13 तारीख के चार सावे भी रहेंगे।
-गुरु-शुक्र अस्त में बीतेगी लम्बी अवधि कोरोना महामारी का ग्रहण वैसे ही वैवाहिक सावों पर पहले से लगा है। अगले वर्ष फरवरी में गुरु व शुक्र तारे के अस्त होने से 19 जनवरी से 16 अप्रेल तक की लम्बी अवधि में इसमें बीत जाएगी। हालांकि इस बीच दो सावे अवश्य फरवरी में आएंगे।